बता दें कि एनसीपी को कोषाध्यक्ष रामावतार जग्गी की हत्या 4 जून 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 31 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें से विक्रम शर्मा उर्फ बल्टू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। अन्य 29 आरोपियों को हत्या के प्रकरण में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी को बाद में बरी कर दिया गया। एक दोषी को मौत हो चुकी है। इसके बाद रामअवतार जग्गी के पुत्र सतीश ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की जिस पर अमित के पक्ष में स्टे दिया गया है। वहीं 27 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दो तत्कालीन सीएसपी, एक तत्कालीन थाना प्रभारी, याह्या ढेबर और शूटर चिमन सिंह भी शामिल हैं।
Jaggi Murder Case: यह बनाए गए है दोषी
जग्गी हत्याकांड में अभय गोयल, याह्या ढेबर, वीके पांडेय, फिरोज सिद्दीकी, राकेश चंद्र त्रिवेदी, अवनीश सिंह लल्लन, सूर्यकांत तिवारी, अमरीक सिंह गिल, चिमन सिंह, सुनील गुप्ता, राजू भदौरिया, अनिल पचौरी, रविन्द्र सिंह, रवि सिंह, लल्ला भदौरिया, धमेन्द्र, सत्येन्द्र सिंह, शिवेन्द्र सिंह परिहार, विनोद सिंह राठौर, संजय सिंह कुशवाहा, राकेश कुमार शर्मा, विक्रम शर्मा (मृत) जबवंत और विश्वनाथ राजभर को दोषी बनाया गया है। Jaggi Murder Case: जेल भेजे गए
विशेष न्यायाधीश ने सरेंण्डर करने के बाद सभी के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया है।