इसके जवाब में राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को ठगने का आरोप लगाया। वहीं राजयसभा में सांसद पीएल पुनिया, मोतीलाल वोरा और छाया वर्मा ने धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे भेदभाव को प्रमुखता से रखा ।
लोकसभा का सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की अहम बैठक हुई। इसमें बस्तर के लोकसभा सदस्य दीपक बैज ने कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी के समक्ष छत्तीसगढ़ के किसानों को धान के दाम 2500 रुपए देने की बात को रखा। इसके बाद सोनिया गांधी ने संसद के दोनों ही सदनों में छत्तीसगढ़ के किसानों की आवाज उठाने के लिए कांग्रेस सांसदों को निर्देशित किया था।
राज्यसभा में पीएल पुनिया ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, केन्द्र सरकार ने संकल्प लिया है कि हम किसान के आमदनी को दुगुना करेंगे। केन्द्र सरकार ने धान को 1815 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदने का आदेश दिया। राज्य सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदने का आदेश दिया और उस पर खरीद रहे हैं।
केन्द्र सरकार के संकल्प को पूरा करने में राज्य सरकार का अपना बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। उसको नाराजगी दिखाने के बजाय उनकी प्रशंसा करना चाहिए। राज्यसभा सांसद मोतीलाल वोरा ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वह छत्तीसगढ़ से केंद्रीय पुल में 32 लाख मैट्रिक टन चावल खरीदे।
एेसा नहीं होने पर छत्तीसगढ़ के किसानों को नुकसान होगा। राज्यसभा सांसद छाया वर्मा ने कहा, केंद्र सरकार मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से चावल खरीद रही है, लेकिन छत्तीसगढ़ से नहीं। यह छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ छल है।
भाजपा ने देरी से धान खरीदी पर उठाएं सवाल
इसके जवाब में लोकसाा में राजनांदगांव के भाजपा सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा, छत्तीसगढ़ में किसानों को छला गया है। चुनाव के समय कांग्रेस ने कहा था कि छत्तीसगढ़ से शराब को बंद करेंगे। हर किसान का कर्जा माफ करेंगे। धान का एक-एक दाना खरीदने की बात कहीं थी। आज छत्तीसगढ़ की जनता को धोखा दिया जा रहा है। आज छत्तीसगढ़ की जनता पूछना चाहती है कि धान की खरीदी 15 दिन देरी से क्यों शुरू हो रही है।