रायपुर

इन गंभीर आरोपों के चलते केन्द्र सरकार ने राज्य के दो अफसरों को किया बर्खास्त

अफसर जूरी और केसी अग्रवाल को केंद्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। दोनों ही अफसरों के खिलाफ कोयला चोरी और एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने का आरोप था।

रायपुरAug 06, 2017 / 01:22 pm

अभिषेक जैन

रायपुर. भारतीय पुलिस सेवा के अफसर एएम जूरी और केसी अग्रवाल को केंद्र सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। दोनों ही अफसरों के खिलाफ कोयला चोरी और एक पत्नी के रहते दूसरी शादी करने का आरोप था। शिकायत के बाद उनके खिलाफ के बाद पिछले काफी समय से विभागीय जांच चल रही थी। लेकिन, इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की गई थी। कैडर रिविजन के दौरान केंद्र सरकार ने उनके सर्विस रिकार्ड को खंगालने के बाद इसका आदेश जारी किया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य सरकार ने शनिवार की देरशाम इसका आदेश जारी किया है। इस समय 2000 बैच के आईपीएस अफसर एएम जूरी डीआईजी योजना एवं प्रबंध और २००२ बैच के अफसर केसी अग्रवाल डीआईजी दूरसंचार पुलिस मुख्यालय में पदस्थ है। बताया जाता है कि प्रदेश के एक अन्य आईपीएस अफसर पवन देव के खिलाफ जांच चल रही है।
दूसरा विवाह किया

आईपीएस एएम जूरी ने बिलासपुर पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी की थी। इसकी लिखीत शिकायत उनकी पत्नी और बच्चों ने तात्कालीन डीजीपी ओपी राठौर और बिलासपुर के आईजी डीएस राजपाल से की थी। विभागीय जांच में एसपी जूरी को मामले में दोषी पाए जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। उल्टे जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
कोयला चोरी का आरोप

आईपीएस केसी अग्रवाल ने सूरजपुर में पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए कोयला चोरी का आरोप लगा था। उन्होंने अपने पद का दुरपयोग करते हुए उन्हे शह देने के साथ ही चोरी में सहयोग भी किया था। इस गिरोह के सरगना के साथ ही सीधा कनेक्शन था। जांच के दौरान करोड़ो रुपए के कोयले की अफरा-तफरी करने में उनकी संलिप्ता मिली थी।
पदोन्नत किया गया
 

विभागीय जांच में आरोपी पाए जाने के बाद भी दोनों ही अफसरो को डीआईजी के पद पर पदोन्नत किया गया। शिकायतों के बाद भी एएम जूरी बलौदाबाजार और बालोद एसपी बनाए गए थे। इसी तरह केसी अग्रवाल को भी जशपुर के साथ ही सूरजपुर जिले का प्रभार दिया गया था। गौरतलब है कि यह पहली बार है कि जब एक साथ दो आईपीएस अफसरों को निलंबित किया गया है। इसके पहले आईपीएस अफसर राजकुमार देवांगन को केंद्र सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृति देकर घर भेजा था।
भुगतान होगा
पुलिस मुख्यालय के अधिकारिक ने बताया कि दोनों ही अफसरों सेवानिवृति के बाद किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलेगा। सेवाकाल के दौरान जमा हुई राशि का एकमुश्त भुगतान कर दिया जाएगा। 

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