इसमें सौम्या चौरसिया का
भिलाई स्थित कोहका का सूर्या अपार्टमेंट का निवास भी शामिल है। इन संपत्तियों को आयकर उपायुक्त बेनामी प्रतिषेध ईकाई रायपुर द्वारा बेनामी बताते हुए अधिनियम 1988 की धा्रा 24 के तहत संलग्न करने का बोर्ड लगाया गया है। इसकी कीमत करीब 96 करोड़ रुपए बताई गई है।
CG Coal Scam: ACB के लपेटे में आए ये कांग्रेसी नेता, घर में लटका मिला ताला तो चस्पा किया नोटिस हालांकि आयकर विभाग की ओर से प्रापर्टी का मूल्यांकन कराया गया है। लेकिन, अटैच की गई
संपत्तियों की कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। बताया जाता है कि उक्त सभी के बेनामी तरीके से खरीदने और इसकी जानकारी नहीं देने पर कार्रवाई की गई है। ईडी और ईओडब्ल्यू को कोल स्कैम की जांच के दौरान इससे संबंधित इनपुट मिले थे। इसके संबंध में राजस्व विभाग से जानकारी जुटाई गई थी। इस दौरान बेनामी तरीके से खरीदने का ब्यौरा मिलने के बाद आयकर विभाग को जानकारी भेजी गई थी।
किसी भी तरह के लेनदेन और हस्तांतरण पर रोक
आयकर विभाग द्वारा जब्त की गई संपत्तियों को
अटैच करने के बाद इसके लेनदेन, हस्तांतरण, बंधक बनाकर लोन लेने और इनकी खरीद-फरोख्त पर रोक रहेगी। इन संपत्तियों का बिना इजाजत किसी भी तरह का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जा सकेगा। बताया जाता है कि अटैच की गई संपत्तियों की पिछले काफी समय से जांच एजेंसी के साथ ही आयकर विभाग छानबीन कर रही थी।
इसके संबंध में सौम्या चौरसिया के साथ ही उनके परिजनों और रिश्तेदारों से पूछताछ की गई थी। इस दौरान पता चला कि इसमें से अधिकांश को पिछले 7 सालों में खरीदा गया था। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपए से अधिक के कोल स्कैम में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था।