रायपुर ऐसा स्टेशन जहां हर दिन 40 से 50 हजार यात्री ट्रेनों से आना करते हैं। उस स्टेशन में सफाई इंस्पेक्टर से लेकर स्टेशन डायरेक्टर तक की पदस्थापना की गई है, लेकिन सफाई ठेकेदार की मनमानी और खानापूर्ति की सफाई की वजह से हजारों यात्री परेशान होते हैं। जबकि स्वच्छता पखवाड़े में यह दावा किया गया कि स्टेशन और परिसरों के कोने-कोने की सफाई कराई गई है, जिस पर लगातार अमल होगा। लेकिन, रेलवे के सफाई ठेकेदार को हर महीने लाखों रुपए भुगतान किए जाने का बिल-बाउचर बन रहे हैं, वैसी सफाई स्टेशन में नजर नहीं आती है। सोमवार को सुबह पौने छह के आसपास प्लेटफार्म पर डस्टबिन का कचरा फैलते हुए नजर आया। हैरानी ये कि न तो सुबह से सफाई होती है और न ही डस्टबिन में भरे कचरे को दिन में कई बार फेंका जाता है।
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वीआईपी मूवमेंट के समय ज्यादा सफाई स्टेशन में सफाई का नजारा उस दौरान दिखाई देता है, जब कभी वीआईपी मूवमेंट होता है। बाकी दिनों न तो प्लेटफार्म एक से लेकर प्लेटफार्म 7 तक पटरियों के बीच सफाई होती है और न ही परिसर की। पटरियाें के बीच गंदगी के कारण प्लेटफार्म पर उतरने वाले और ट्रेन आने का इंतजार करने वाले यात्री परेशान होते हैं। प्रभारी स्टेशन डायरेक्टर सीएस महामात्रा ने सफाई ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कहा कि लगातार इसकी मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
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