scriptभ्रष्टाचार का सौंदर्यीकरण समझना हो तो एक बार बूढ़ातालाब घूम आइए। पुराने (नीलाभ) गार्डन से नए गार्डन तक… स्मार्ट सिटी ने इसे संवारने पर 32 करोड़ खर्च कर डाले। री-डेवलपमेंट के नाम पर म्यूजिकल फाउंटेन, प्ले ग्राउंड, करोड़ों की लाइङ्क्षटग, जैटी, बोङ्क्षटग समेत जितने भी ताम-झाम किए गए, आज सब मटियामेट हो चुकी है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को पर्यटन मंडल को हैंडओवर कर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि अब मेंटनेंस की जिम्मेदारी पर्यटन मंडल की है। वहीं, पर्यटन मंडल मुंबई की एजेंसी का नाम लेकर अनभिज्ञता दर्शा रहा है। मानो वहां के हाल उन्हें पता ही नहीं है, उनके मुताबिक उन्हें यह भी पता नहीं कि बोङ्क्षटग तो शुरू होते ही बंद पड़ी है और सारी सुविधाएं कबाड़। कड़वा सच तो यह भी है कि स्मार्ट सिटी के काम केवल खानापूर्ति जैसे ही थे, दम नहीं था। कैसे ! आइए समझते हैं | Patrika News
रायपुर

भ्रष्टाचार का सौंदर्यीकरण समझना हो तो एक बार बूढ़ातालाब घूम आइए। पुराने (नीलाभ) गार्डन से नए गार्डन तक… स्मार्ट सिटी ने इसे संवारने पर 32 करोड़ खर्च कर डाले। री-डेवलपमेंट के नाम पर म्यूजिकल फाउंटेन, प्ले ग्राउंड, करोड़ों की लाइङ्क्षटग, जैटी, बोङ्क्षटग समेत जितने भी ताम-झाम किए गए, आज सब मटियामेट हो चुकी है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को पर्यटन मंडल को हैंडओवर कर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि अब मेंटनेंस की जिम्मेदारी पर्यटन मंडल की है। वहीं, पर्यटन मंडल मुंबई की एजेंसी का नाम लेकर अनभिज्ञता दर्शा रहा है। मानो वहां के हाल उन्हें पता ही नहीं है, उनके मुताबिक उन्हें यह भी पता नहीं कि बोङ्क्षटग तो शुरू होते ही बंद पड़ी है और सारी सुविधाएं कबाड़। कड़वा सच तो यह भी है कि स्मार्ट सिटी के काम केवल खानापूर्ति जैसे ही थे, दम नहीं था। कैसे ! आइए समझते हैं

ओवर’ स्मार्ट सिटी में भ्रष्टाचार का सौंदर्यीकरण

रायपुरSep 13, 2024 / 07:45 pm

Rajiv Ranjan Rain

टूटा झूला
1/4
टूटा झूला
फव्वारा कबाड़
2/4
फव्वारा कबाड़
ये है ओपन जिम
3/4
ये है ओपन जिम
बोटिंग मशीन कबाड़
4/4
बोटिंग मशीन कबाड़

Hindi News / Photo Gallery / Raipur / भ्रष्टाचार का सौंदर्यीकरण समझना हो तो एक बार बूढ़ातालाब घूम आइए। पुराने (नीलाभ) गार्डन से नए गार्डन तक… स्मार्ट सिटी ने इसे संवारने पर 32 करोड़ खर्च कर डाले। री-डेवलपमेंट के नाम पर म्यूजिकल फाउंटेन, प्ले ग्राउंड, करोड़ों की लाइङ्क्षटग, जैटी, बोङ्क्षटग समेत जितने भी ताम-झाम किए गए, आज सब मटियामेट हो चुकी है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को पर्यटन मंडल को हैंडओवर कर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि अब मेंटनेंस की जिम्मेदारी पर्यटन मंडल की है। वहीं, पर्यटन मंडल मुंबई की एजेंसी का नाम लेकर अनभिज्ञता दर्शा रहा है। मानो वहां के हाल उन्हें पता ही नहीं है, उनके मुताबिक उन्हें यह भी पता नहीं कि बोङ्क्षटग तो शुरू होते ही बंद पड़ी है और सारी सुविधाएं कबाड़। कड़वा सच तो यह भी है कि स्मार्ट सिटी के काम केवल खानापूर्ति जैसे ही थे, दम नहीं था। कैसे ! आइए समझते हैं

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.