यह भी पढें : भरोसा जीत कर किया शादी का वादा, फिर…….. जबरदस्ती किया ये काम, ऐसे तबाह कर दी नाबालिक की जिंदगी उक्त बातें उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने महावीर गाथा के 60वें दिन कहीं। उन्होंने कहा कि एक समर्पण होता है श्रद्धा एक साथ, और एक होता है स्थिति के अनुसार। गर्भ का समर्पण स्थिति के कारण होता है। गर्भस्थ जीव को अवसर नहीं मिलता है। जहां माँ उसको जोड़ देगी, उसे जुड़ना पड़ेगा। एक मां व्यक्ति के भाग्य को बदलने में समर्थ होती है। उक्ताशय की जानकारी रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने दी।
यह भी पढें : अलर्ट मोड में पुलिस की टीम : खोले गए तीन नए चेक पोस्ट, 24 घंटे जवानोें की तैनाती, चेकिंग पॉइंट के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी नवकार कलश अनुष्ठान के लिए हुई चर्चा: धर्मसभा के बाद उपाध्याय प्रवीण ऋषि के सानिध्य में नवकार कलश अनुष्ठान की तैयारी के लिए महिला मंडल की बैठक बुलाई गई। बैठक की अध्यक्षता एकता पटवा ने की।
इस बैठक में रायपुर के सभी मंडल उपस्थित थे। इस दौरान नवकार कलश अनुष्ठान को कैसे भव्य रूप दिया जाए, इस पर चर्चा हुई। एकता पटवा ने कहा कि हम सभी इस अनुष्ठान को बड़ा रूप देकर जिनशासन की शोभा बढ़ा सकते हैं। उन्होंने उपस्थित सदस्यों को नवकार कलश अनुष्ठान की विस्तृत जानकारी दी।
यह भी पढें : CG Election 2023 : क्या सीएम भूपेश बघेल और सोनिया गांधी माफी मांगेंगे ?, बीजेपी नेता सरोज पांडे ने मल्लिकार्जुन खड़गे से किए 9 सवाल वहीं प्रवीण ऋषि ने इस अनुष्ठान की महिमा का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि हमारे पस कई नवकार कलश हैं, लेकिन इस कलश की महिमा अलग है। उन्होंने बताया कि यह नवकार कलश ख़ास है, उन्होंने महिलाओं को बताया कि कैसे यह नवकार कलश अभिमंत्रित होता है, और इसकी ऊर्जा को हम अनुष्ठान के पहले और बाद में परख सकते हैं।