तनुजा को 440 मार्क्स शंकर नगर की तनुजा त्रिपाठी को 440 मार्क्स मिले हैं। उन्होंने बताया, मैंने कांस्टेंट के साथ पढ़ाई की। यूट्यूब की मदद ली। रिवीजन पर फोकस किया और रोजाना लिखने की प्रैक्टिस करती रही। इसका फायदा मिला।
पैरेंट्स: भरतप्रकाश त्रिपाठी- प्रतिमा त्रिपाठी। ट्विंकल को 442 मार्क्स शैलेंद्र नगर की ट्विंकल शोभवानी को 442 मार्क्स मिले हैं। वे बताती हैं कि मैंने पेशेंस के साथ कांस्टेंट होकर पढ़ाई की। जितना हो सकता रिवीजन करती रही। यह बेनिफिशियल रहा।
पैरेंट्स: हरीश- शारदा शोभवानी हनी को 466 मार्क्स सड्डु निवासी हनी अग्रवाल को टोटल 466 मार्क्स मिले हैं। स्ट्रैटेजी पर बोलीं- मल्टीपल रिवीजन किया। क्रिस्प नोट बनाए। प्रॉपर प्लानिंग के साथ कांस्टेंट होकर पढ़ाई की। क्लासरूम में पूरी तरह फोकस्ड रहा करती थी।
पैरेंट्स: सुभाषचंद अग्रवाल-अनिता अग्रवाल शुभम को 425 मार्क्स टाटीबंध के शुभम जालान को कुल 425 मार्क्स मिले हैं। अपनी सफलता पर बोले- मैंने रेगुलर रिवीजन किया। एग्जाम टाइम पर एकबारगी पढ़ने से चीजें याद आ जाती हैं।
पैरेंट्स: संजय जालान- ज्योति जालान स्टोन की परेशानी का सामना अवंति विहार के अर्णव अग्रवाल ने इंटरमीडिएट बोथ ग्रुप में 13वीं रैंक पाई है। उन्होंने बताया, पापा टैक्स कंसल्टेंस हैं। मॉक टेस्ट और वीकली टेस्ट से मैंने खुद को इंप्रूव किया। पढ़ाई के दौरान स्टोन हो गया था। सेकंड, थर्ड और फोर्थ पेपर की तैयारी पेन किलर खाकर करता रहा।
पैरेंट्स: सतीश अग्रवाल- स्वाति अग्रवाल दो महीने मोबाइल से दूरी सिटी के आयुष सिंघानिया ने इंटरमीडिएट बोथ ग्रुप में 14वीं रैंक प्राप्त की है। वे बताते हैं, यह मेरा फर्स्ट अटेंप्ट था। लगातार मॉक टेस्ट दिए। आखिर के दो महीने मैं मोबाइल से दूरी बनाई। पापा बिजनेसमैन हैं जबकि मॉम हाउसवाइफ।
पैरेंट्स: रामजीलाल सिंघानिया- बबीता सिंघानिया
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