14 नवंबर को छुट्टी है या नहीं?
बाल दिवस हर साल 14 नवंबर 2024 को मनाया जाता है। बाल दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर मनाया जाता है। यह दिन खास तौर पर बच्चों के लिए होता है, जिसमें उनकी खुशियों, उनके अधिकारों और उनके उज्ज्वल भविष्य को बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य बच्चों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें सुरक्षित, खुशहाल और शिक्षा से भरपूर जीवन देने की दिशा में काम करना है। बाल दिवस के अवसर पर स्कूलों में बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां बच्चों के अधिकारों और शिक्षा पर चर्चा की जाती है, और उन्हें प्रेरित किया जाता है। बाल दिवस विशेष रूप से स्कूलों और शैक्षिक संस्थानों में मनाया जाता है, जहां बच्चों के लिए स्पेशल क्लासेस और अवार्ड्स दिए जाते हैं। वहीं कुछ स्कूलों में फुल डे मस्ती होती है तो कुछ में हाफ डे क्लासेस लगती हैं। वहीं, कई स्कूलों में इस अवसर पर छुट्टी दे दी जाती है। इसके साथ ही स्कूली बच्चों की मौज होने वाली है।
बैंक में नहीं रहेगी छुट्टी
बल दिवस बच्चों के लिए बहुत खास है, लेकिन RBI की हॉलिडे लिस्ट के अनुसार, 14 नवंबर को बाल दिवस पर किसी भी राज्य में छुट्टी नहीं होती है, और यह कामकाजी दिन (Public Holiday) होता है। इस दिन बैंक खुले रहेंगे, और बैंकिंग सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध रहेंगी। यह भी पढ़ें
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Public Holiday: 15 नवंबर को क्यों रहेगी छुट्टी?
सिखों के प्रथम गुरु, श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को छुट्टी रहेगी। इस दिन प्रदेश के स्कूल, कॉलेज, दफ्तर और बैंक बंद रहेंगे।15 नवंबर को हिन्दूं के महापर्वों में से एक कार्तिक पूर्णिमा भी है। बता दें कि गुरु नानक जयंती हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा के (Public Holiday) दिन मनाई जाती है।जानिए क्यों मनाई जाती है गुरु नानक जयंती
गुरु नानक जयंती एक महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जो सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को गुरु नानक प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व सिख समुदाय के लोगों के लिए सबसे बड़ा उत्सव है। इस साल गुरु नानक जी की 555वीं जयंती है। गुरु नानक देव जी के जीवन और उपदेशों का पालन करने के लिए इस दिन बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से आयोजन होते हैं। इस दिन के साथ कार्तिक पूर्णिमा भी जुड़ी होती है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक माह का 15वां चंद्र दिवस होता है। सिख बहुल राज्यों में इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गुरुद्वारों में विशेष पूजा-अर्चना होती है, नगर कीर्तन आयोजित होते हैं, और सिख समुदाय के लोग धार्मिक सेवा में शामिल होते हैं।