होली त्योहार के लिए तो अभी से रायपुर जंक्शन से होकर चलने वाली स्पेशल ट्रेनें फुल हो गई हैं। आज की तारीख में यदि कोई यात्री रिजर्वेशन करा रहा है तो उसे वेटिंग टिकट थमाया जा रहा है। इन सब दिक्कतों के बाद भी रेलवे प्रशासन गाडिय़ों की संख्या बढ़ाने के बजाय सिर्फ स्पेशल के रूप में आगे तक चलाने की तारीखें ही आगे बढ़ा रहा है।
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रेलवे ने यह तय कर रखा है कि जिन ट्रेनों के परिचालन की तिथि मार्च के आखिरी तक समाप्त होने वाली है उसे और आगे बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन ट्रेनों का परिचालन सामान्य करने की दिशा में अब भी कोरोना के खतरे का ही हवाला दिया जा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि स्पेशल और पूजा स्पेशल के रूप में 26 जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं। ट्रेनों में यात्रियों का दबाव बना हुआ है।
यात्रियों से फुल चल रही हैं और स्पेशल के नाम से डेढ़ गुना से अधिक किराया भी लिया जा रहा है। दूसरी तरफ लगातार वेटिंग सूची भी बनी हुई है। इसके बावजूद रेलवे बोर्ड मई और जून महीने की तर्ज पर ही गाड़ियों का परिचालन करने में रुचि दिखा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि पीक सीजन में एक ट्रेन से जितना टिकट राजस्व रेलवे को मिलता था, उसमें कोई फर्क नहीं आया। क्योंकि पूरी भरपाई के चक्कर में स्पेशल चार्ज के रूप में यात्रियों को चपत लग रही है।
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अब केवल वेटिंग टिकट
होली पर्व को अब सिर्फ 20 दिन शेष बचे हैं। 28 मार्च को होलिका दहन और 29 मार्च को रंग-गुलाल उड़ेगा। इस त्योहार के स्पेशल चल रही दुर्ग-सारनाथ, दुर्ग-अमरकंटक, साउथ बिहार, हावड़ा-अहमदाबाद और हावड़ा-मुंबई मेल पूरी तरह से पैक हो चुकी है। मुख्य रिजर्वेशन कार्यालय के अनुसार सभी श्रेणियों के टिकट वेटिंग और आरएसी में चल रहे हैं।
बिलासपुर जोन सीपीआरओ साकेत रंजन का कहना है, कोरोना की वजह से ट्रेनों का परिचालन सामान्य रूप से नहीं किया जा रहा है। जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती है, ट्रेनें स्पेशल के रूप में चलेंगी। उन्हें ट्रेनों के परिचालन की तिथि भी आगे बढ़ेगी।