Photo Gallery: छत्तीसगढ़ में देवी दुर्गा के वो ऐतिहासिक मंदिर, जहां मां ने दिया भक्तों को दर्शन, पूरी होती है हर मनोकामना
रायपुर•Apr 09, 2024 / 05:12 pm•
Shrishti Singh
Dongargarh: छत्तीसगढ़ में पहाड़ों से घिरा हुआ है डोंगरगढ़। डोंगरगढ़ एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। माँ बम्लेश्वरी का यह मंदिर हज़ारों साल पुराना है, जो हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में पहुंचने के लिए श्रद्धालु हजारों सीढ़िया चढ़कर माता के दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि मां बम्लेश्वरी शक्तिपीठ का इतिहास (History) 2000 वर्ष पुराना हैं।
Raipur: मंदिर का इतिहास करीब 13 सौ साल से ज्यादा पुराना है। माता का यह ऐतिहासिक मंदिर (Historical temple) बहुत चमत्कारिक माना जाता है। तांत्रिक पद्धति से बने इस मंदिर के गर्भगृह में मां महामाया मां काली के स्वरूप में विराजमान हैं। श्री यंत्र के आकार में मंदिर के गुंबद का निर्माण हुआ है। इससे मंदिर में आने वाले भक्तों को मां महालक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। महामाया के दरबार में श्रद्धालुओं द्वारा सच्चे मन से मांगी गई मनोकामना जरूरी पूरी होती है। मां महामाया मंदिर देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां लाल भैरव और काल भैरव के दर्शन होते हैं। मां महामाया के दर्शन के लिए श्रद्धालु देश ही नहीं विदेशों से भी रायपुर आते हैं।
Dantewada: दंतेश्वरी मंदिर हजारों पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र है। 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाने वाला यह मंदिर साल भर पर्यटकों के लिए आसानी से उपलब्ध रहता है। इस मंदिर शहर में नवरात्रि (Navratri 2024) (शरद नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि) और फागुनमेला (मार्च-अप्रैल) में बहुत पारंपरिक उत्सव मनाया जाता है। यह मंदिर रायपुर शहर से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 7-8 घंटे की दूरी पर है।
Ambikapur: अंबिकापुर के पूर्वी पहाड़ी पर प्राचीन महामाया देवी का मंदिर स्थित है। महामाया मां को अंबिका देवी भी कहा गया है। यहां नवरात्र पूजा के पूर्व कुम्हार व चेरवा जनजाति के बैगा विशेष द्वारा मूर्ति का जलाभिषेक कराया जाता है। मान्यता के अनुसार अंबिकापुर स्थित महामाया मंदिर में महामाया देवी का शरीर स्थित है। इनका शीश बिलासपुर के रतनपुर के महामाया मंदिर में है। इस मंदिर का निर्माण महाराजा रघुनाथ शरण सिंह देव ने कराया था। चैत्र और शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) में विशेष रूप अनगिनत भक्त इस मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।
Janjgir Champa: चंद्रहासिनी देवी का मंदिर चंद्रपुर, जांजगीर -चांपा में स्थित है। महानदी के तट पर स्थित सिद्धपीठ मंदिर मां चंद्रहासिनी के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ बने पौराणिक व धार्मिक कथाओं की झाकियां समुद्र मंथन, महाभारत की द्यूत क्रीड़ा आदि, मां चंद्रहासिनी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है। यह मंदिर चारों ओर से प्राकृतिक (Nature) कि सुंदरता से घिरा है।
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