शर्मा ने प्रदर्शनी को बहुत उपयोगी बताते हुए कहा कि विभाग को लोगों को अपने मूर्त अमूर्त धरोहरों से परिचित कराने ऐसे थिमेटिक प्रदर्शनियों का साल भर आयोजन करते रहना चाहिए। इस प्रदर्शनी में राज्य के विभिन्न जिलों से सर्वेक्षण से ज्ञात चित्रित शैलाश्रयों और शैलचित्रों की संक्षिप्त जानकारी सहित चित्रों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी का अवलोकन 25 नवंबर तक कार्यालयीन दिवस और समय में किया जा सकता। इस सप्ताह के दौरान स्कूली विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता और चित्र प्रतियोगिता का भी आयोजन रखा गया है।
इन अभिलेखों को देखा जा सकता है
15 अगस्त 1947 को पंडित रविशंकर शुक्ल (प्रधानमंत्री, मध्यप्रदेश और बरार) द्वारा वटवृक्ष का आरोपण, सन 1938 में ग्राम गुढ़ियारी व फाफाडीह का रायपुर नगर पालिका में शामिल किए जाने, रायपुर फॉरेस्ट ट्रामवे के अंतर्गत ग्राम मोहदी तहसील धमतरी में क्रॉसिंग स्टेशन की शुरुआत, रायगढ़ राजा के राजकुमारों के साथ विवाद के निपटारे और समझौते से संबंधित और सन 1934 में बिंद्रा नवागढ़ व जयपुर जमींदारों के बीच सीमा विवाद संबंधी ऐतिहासिक दस्तावेज।