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विधानसभा में ध्यानाकर्षण के जरिए भाजपा विधायक राजेश मूणत ने इस मुद्दे को उठाया। इसके जवाब में डिप्टी सीएम साव ने कहा, एमआईसी में राजश्री सद्भावना समिति को सामुदायिक भवन हस्तांतरित करने संकल्प पारित किया गया। आयुक्त की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। इस पर विधायक ने कहा, गरीबों का घर पर सत्ता के प्रभाव का दुरुपयोग कर कब्जा किया गया है। संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई हो। इस पर डिप्टी सीएम ने जांच की घोषणा की। विधायक चंद्राकर ने जांच की समय-सीमा तय करने की मांग उठाई। डिप्टी सीएम ने तीन महीने में जांच पूरी करने की बात कहीं।
सरकारी जमीन पर अवैध कुटीर निर्माण का मुद्दा भी उठा (आज पेज नम्बर दो पर खबर लगी है। इसका ईपीएस लगा सकते हैं) इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने सरकारी जमीन पर अवैध कुटीर निर्माण का मामला भी उठाया। इस मामले में भी जांच की मांग की। इस सभापति ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह इस ध्यानाकर्षण का विषय नहीं है। इसके लिए अलग से ध्यानाकर्षण लगाएं या अन्य प्रक्रिया अपनाएं।
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विपक्ष ने किया बचाव इस मामले में विपक्षी सदस्य भी आक्रामक नजर आए। ध्यानाकर्षण की शुरुआत में ही नेता प्रतिपक्ष डाॅ. चरणदास महंत ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा, आप निर्णय लें कि सब ज्यूडिस मामला विधानसभा में आ सकता है या नहीं। आसंदी से व्यवस्था के बाद ध्यानाकर्षण शुरू हुआ। चर्चा के दौरान विपक्ष के विधायकों ने आरोप लगाया कि बदले की भावना से काम किया जा रहा है। द्वारिकाधीश यादव ने कहा, रायपुर नगर निगम के 200 सामुदायिक भवनों का संचालन समिति के जरिए किया जाता है। सिर्फ एक पर कार्रवाई क्यों हो रही है।
बजट सत्र स्थगित, अब जुलाई में सत्र विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से 1 मार्च तक के लिए आहूत किया गया था। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी सदस्यों की सहमति से इसे दो दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। अब विधानसभा का मानसून सत्र जुलाई के आखिरी सप्ताह में होगा।