याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता ने कहा कमलेश कुमार साहू एवं अन्य याचिकाकर्ताओं के इसी प्रकार के मामले में हाईकोर्ट द्वारा तलब किए गए जवाब में राज्य शासन ने स्पष्ट किया था कि बी-फार्मेसी की डिग्री एक तकनीकी स्नातक डिग्री है। साथ ही ये भी कहा गया कि फार्मेसी एक तकनीकी पाठ्यक्रम है, लिहाजा याचिकाकर्ता सहायक वन संरक्षक और वन क्षेत्रपाल के दोनों पदों पर नियुक्ति व साक्षात्कार का पात्र है।
जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ ने 7 दिसंबर को मामले की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को तत्काल फोन पर निर्देश प्रसारित करवाने का आदेश देते हुए कहा आज ही सेकेंड हाफ में याचिकाकर्ता के साक्षात्कार की व्यवस्था की जाए। साथ ही याचिकाकर्ता विकास कुमार दुबे से संबंधित किसी भी प्रकार के अंतिम आदेश पर रोक लगाते हुए वन क्षेत्रपाल अथवा सहायक वन संरक्षक का एक पद रिक्त रखे जाने को कहा है। मामले की आगामी सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।