इहां तक के बइहा,
अंधियारी के थोरकन दबका म
जिहां सुरूज हा बुड़ग़े
उहां हम नइ बुड़ेन। ए हिम्मत रिहिस हमर सियानमन के। अंधियारी के दबका चपका ल कुछू नइ समझिन। एकता, मेल-मिलाप के दीया बारत आगू बढिऩ।
अंधियारी के थोरकन दबका म
जिहां सुरूज हा बुड़ग़े
उहां हम नइ बुड़ेन। ए हिम्मत रिहिस हमर सियानमन के। अंधियारी के दबका चपका ल कुछू नइ समझिन। एकता, मेल-मिलाप के दीया बारत आगू बढिऩ।
चंदूलाल चंद्राकर ह छत्तीसगढ के एक गांव निपानी म जनमिस। बिहाव के झंझट म नइ परिस। सीधा दिल्लीभाग गे। उहां रहि के काम करिस अउ हिन्दुस्तान के सम्पादक बनिस। दुरूग लोकसभा छेत्र के संसद सदस्य अउ मंतरी बनिस। छत्तीसगढ म खेती के तरक्की बर बहुत सोचिस। चंदूलाल चंद्राकर ह जब मंतरी रिहिस तब बडक़ा किसान सम्मेलन होइस। छत्तीसगढ राज के संकल्प ल चंदूलाल चंद्राकर ह कांगरेस के घोसना पत्र म डरवइस। वोकर अघुवई म एक दिन के छत्तीसगढ बंद होइस। नवजवानमन ल वोहा आगू लानिस। भूपेश बघेल ल दुरुग जिला के युवक कांगरेस के अध्यक्छ बना के अवइया समे बर वोला तैयार करिस। आज हम वोकर दूरिहा देखे के गुन ल समझ पावत हन। छत्तीसगढ राज 2000 म बनगे।
संत पवन दीवान ह डॉ. खूबचंद बघेल के मातृसंघ म काम करिस अउ धीरे-धीरे अलग छत्तीसगढ राज बनाय के संकल्प ले लीस। विधायक, मंतरी, सांसद अउ गोसेवा आयोग के अध्यक्छ बनिस। फेर, छत्तीसगढ बर हमेसा सब कुछ निछावर कर दिस। जिनगी के आखरी पन्दरा बछर दीवानजी ह छत्तीसगढ के बेटी भगवान राम के माता कौसिल्या के जस गइस। आज छत्तीसगढ सरकार ह सिरीराम के वनगमन के रद्दा ल परयटन के संग जोड़े के बड़े काम करत हे। चन्दखुरी के कौसल्या मंदिर ले सुरू करके जिहां-जिहां भगवान राम ह गे हे उहां के रद्दा ल चिन्हारी करे गे हे। ऐहा बडक़ा काम ए। देस- विदेस के मनखेमन वो रद्दा ला देखहीं। भगवान राम ह वनवास के समे ला सबले जादा इहें हमर छत्तीसगढ म बिताय हे।
चंदखुरी मंदिर के रूप ल बड़े करे गिस हे। छत्तीसगढ. के भांचा सिरीराम के अउ छत्तीसगढ के बेटी माता कौसल्या के जस गायन नवा ढंग ले चलत हे। संत पवन दीवान ह अपन भागवत कथा म जिनगीभर भगवान सिरीराम के कथा ल छत्तीसगढ संग जोड़ के जन-जन ल बतइस।
जय जय छत्तीसगढ महतारी, ए गीत ह संत पवन दीवान के लिखे भजन केहे जाथे। संत पवन दीवान ह लिखिस-
छत्तीसगढ़ म सब कुछ हे।
फेर एक कभी हे स्वाभिमान के।
मोला सहे नइ जावय अब।
चुप रहई ये वरतमान के।
दीवानजी ह छत्तीसगढ महतारी के अइसन सपूत रिहिस जउन ह आखरी सांस तक ऐकर सेवा करिस।
ताराचंद साहू ह दुरूग के सांसद बनिस। गुंडरदेही के विधायक रिहिस। गुरुजी के काम करैया साहूजी ह जिनगीभर छत्तीसगढ बर लडि़स जब वोला लागिस के पारटी म रहिके अपन बात ल राख सकई मुसकुल हे तब वोहा अपन दल ल छोड़ दिस। छत्तीसगढ बर अलख जगइस। गांव-गांव जाके बतइस के छत्तीसगढ के धन अउ मान ल बचाय बर हे। छत्तीसगढ स्वाभिमान मंच बनइस। मंच के सिपाहीमन छत्तीसगढ़ जागरन के काम करिन।
हबीब तनवीर ह जब चरनदास चोर नाटक बनइस तब लंदन म वोकर पहिली परदरसन होइस। देवदास के नाचा अउ गीत ल देख सुन के सब चकरित खागे। सच के बोलइया, हावै दुई चार, उही गुरु हे हमार, अमरित धार बोहाइ दे। ये गीत ह सबला बहुत भाइस। सच के बोलइया दुईचार झन रिहिथे। उही मन गुरु के काम करथें।