30 चुनरी के 51-51 चुनरी के 6 बड़े-बड़े रोल बनाकर मंदिर में उसकी विधिवत पूजा की गई। इसके बाद बैंड बाजे के साथ मंदिर से यमुना घाट तक पूरे छतीसगढ़ से आए 500 से अधिक महिला एवं पुरुष भक्त पूरे उत्साह के साथ नाचते एवं गरबा खेलते हुए घाट पर पहुंचे।
जहां मंदिर के प्रमुख मुखिया द्वारा नाव से नदी के बीच सभी चुनरियों को ले जाकर पुन: यमुना की पूजा कर उन चुनरियों से यमुना नदी के चारों तरफ़ श्रृंगार करना प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम में राजधानी रायपुर सहित दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, जगदलपुर सहित सभी शहरों से बड़ी संख्या में लोहाणा समाज की महिला मंडल की पूरी टीम इसकी साक्षी बनी। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ लोहाणा महिला मंडल की अध्यक्ष रेखा बैन रायचुरा (रायपुर) एवं सचिव पूनम बेन राजा (दुर्ग) ने बताया कि इस वृहद आयोजन में विभिन्न सेवाओं के लिए अलग अलग यजमान बनाये गये थे, जिनमे दो मुख्य यजमान क्रमश: वंदना बेन मिरानी (धमतरी) एवं भारती बेन पोपट (रायपुर) थे।