राज्यपाल ने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि विभिन्न संचार माध्यमों से यह सूचना प्राप्त हो रही है कि लॉकडाउन के दौरान अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा शराब पीकर पत्रकारों, अधिकारियों, चिकित्साकर्मियों, सफाईकर्मियों के साथ दुव्र्यवहार एवं आपराधिक कृत्य किए जा रहे हैं, जिन्हें प्रभावी तरीके से रोके जाने की आवश्यकता है। बता दें कि लॉकडाउन के बीच शराब दुकान खुलने से आपराधिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। इसे लेकर सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा था।
मनोबल कमजोर कर रहे
राज्यपाल अनुसुईया उइके का कहना है कि ऐसे समय में जब प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न हो रही विभिन्न प्रकार की समस्याओं के निराकरण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने में व्यस्त हैं, तब आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा मद्यपान उपरांत कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहे हमारे अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आमजनों के साथ इस प्रकार के अपराध करने से उनका मनोबल कमजोर होता है। साथ ही लॉकडाउन के दौरान शराब के कारण घरेलू हिंसा एवं दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसे प्रभावी तरीके से रोके जाने की आवश्यकता है।