आधुनिक प्ले स्कूल की तर्ज पर बने आंगनबाड़ी भवन में ग्रामीण बच्चे सीखेंगे अक्षर ज्ञान यहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट की बैठक के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यहां से हरी झंडी मिलने के बाद अध्यादेश लाकर इसे लागू किया जाएगा। यदि जुलाई तक कानून तैयार हो जाएगा तो उसे विधानसभा में प्रस्तुत कर पारित किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार इसमें जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। राज्य निर्माण के बाद से ही निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण के लिए लगातार कवायद हो रही है, लेकिन इसे अभी तक इस पर कोई ठोस काम नहीं हो सका। वर्ष 2009 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण के लिए प्रयास किया गया था। इसमें दो से तीन निजी स्कूलों के खिलाफ एक-एक करोड़ का जुर्माना भी लगा था। बाद में मामला कोर्ट में जाने के बाद बात आगे नहीं बढ़ी। अब सरकार ने इस पर नए सिरे कवायद शुरू कर दी है। इसमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में बने फीस नियंत्रण अधिनियम कानून के आधार पर छत्तीसगढ़ में भी कानून का मसौदा बनाया जा रहा है। फीस कमेटी से जुड़े उपसंचालक एएन बंजारा का कहना है कि कानून बनाने की तैयारी अभी चल रही है। मंत्रिपरिषद उप समिति के सामने प्रदेश भर से आए सुझावों को रखा गया था। इस पर विचार-विमर्श के बाद आगे काम किया जा रहा है।
जुर्माने का भी होगा प्रावधान
जानकारों का कहना है कि इस कानून में निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए जुर्माने का भी प्रावधान किया जा रहा है। यही वजह है कि इसे कानून के रूप में लाने की तैयारी है ताकि बाद में कानूनी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।