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इसके अलावा सॉफ्टवेयर में प्रदेश भर की हर तरह की भूमि का रिकार्ड अलग-अलग देखने को मिलेगा। कौन सी भूमि सिंचित है, असिंचित है, डायवर्ट है या कृषि भूमि है इसकी जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी। पिछले वर्जन में कई कठिन प्रक्रियाएं आम लोगों के लिए थी। जिससे लैंड रिकार्ड के लिए पटवारी व राजस्व अधिकारियों तक दौड़ लगाना पड़ता था।नहीं लगाने पड़ेंगे तहसील के चक्कर
भू-दस्तावेजों में त्रुटि सुधार करने के लिए अब पटवारियों को अपने सक्षम अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। इससे पहले भूमि सुधार के लिए साफ्टवेयर के चारों ऑप्शन में अनुमति के लिए उन्हें हार्डकॉपी में सुधार के लिए आवेदन की प्रक्रिया करनी पड़ती थी। इसके बाद वह संशोधन किया जाता था। अब इसे सरल बनाकर भू-राजस्व विभाग (Land revenue department) ने इसके सॉफ्टवेयर में अब ऑनलाइन ही त्रुटि सुधार की अनुमित देने के लिए तहसीलदारों को ऑप्शन दिए हैं। जिससे अब तहसील के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
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सर्वर धीमा हो रही है समस्या
भुइयां सॉफ्टवेयर में इस बदलाव का पटवारियों ने विरोध किया था। जिसके बाद साफ्टवेर में कुछ सुधार किया गया था। जमीनों के दस्तावेजों में छेड़छाड़ और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए इसमें सिर्फ तहसीलदारों को ही त्रुटि सुधार के अधिकार ऑनलाइन दे दिए गए हैं। हालांकि अभी भी पटवारी सर्वर और डिजिटल सेग्नेचर की समस्या के कारण कार्य में विलंब होना बता रहे हैं।
मिलेगा लाभ
अब से सरल करने की प्रक्रिया अपनाई गई है। देखा जाए तो इस नए वर्जन से प्रदेश भर के भू-स्वामियों को लाभ मिला है। इधर, पटवारियों ने शासन के सख्त रवेये के चलते अपने विरोध के बजाय इस सॉफ्टवेयर (Bhuiya software) को सरल करने के लिए अपने-अपने सुझाव दे रहे हैं।
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वर्जन
पुराने वर्जन मे कुछ कमियां थी उसे अपडेट किया गया है। इससे आम लोगों को फायदा होगा। भूमी संबंधित गड़बडियों पर भी अंकुश लगेगा। सर्वर की समस्या को भी जल्द सुधार लिया जाएगा।
एनके खाखा, सचिव, भू राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग