आरोपी को एसीबी की टीम ने 5 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। ट्रैप की यह कार्रवाई एसीबी के तत्कालीन डीएसपी शोएब अहमद खान द्वारा की गई। प्रकरण की जांच करने के बाद उन्होंने कोर्ट में चालान पेश किया था। विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने एसीबी द्वारा पेश की गई केस डायरी और गवाहों के बयान के आधार पर फैसला सुनाया।
यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ : रानीदहरा जलप्रपात में दो युवकों की मौत, दोस्तों के संग गए थे पिकनिक मनाने, लेकिन… उपसंचालक अभियोजन श्लोक श्रीवास्तव ने बताया कि जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बृजराज दास वैष्णव ने रेन नदी पर बने एनीकट के भुगतान के एवज में 50 लाख रूपए की रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत एसीबी में मेसर्स विनित सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के संचालक विनित सिंह द्वारा दिसंबर 2015 में की गई थी।
यह भी पढ़ें : नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को दिया जाएगा घातक हथियार, 400 रेंज की होगी मारक छमता साथ ही बताया था कि रेन नदी में उसकी कंपनी को एनीकट बनाने के लिए करीब 17 करोड़ 62 लाख रूपए का ठेका मिला था। इसमें से 13 करोड़ का काम हो चुका था और सप्लीमेंट्री का काम करीब 5 करोड़ 34 लाख रूपए का था। इसमें करीब 1.50 करोड़ का भुगतान प्रार्थी का रूका था। इसका भुगतान करने के एवज में मुख्य अभियंता द्वारा 50 लाख रूपए की रिश्वत मांगी गई थी।
रिश्वत की रकम लेकर घर बुलवाया मुख्य अभियंता ने रिश्वत की प्रथम किस्त 5 लाख रुपए लेकर कंपनी के संचालक को शंकर नगर स्थित अपने घर में बुलवाया था। शिकायत मिलने के बाद एसीबी में पहले पूरे प्रकरण की जांच की। इसके बाद योजनानुसार आरोपी मुख्य अभियंता को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया।