10वीं-12वीं की कक्षाएं शुरू करने पर चर्चा
बैठक में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में बोर्ड परीक्षा को देखते हुए कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं को प्रारंभ करने के संबंध में चर्चा की गई। बताया जाता है कि इस संबंध में राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। मंत्रिपरिषद के फैसले के बाद एकलव्य विद्यालय के अलावा अन्य स्कूलों को शुरू करने पर फैसला होगा।
राज्य और जिला स्तर पर होगी भर्ती
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अमले के लिए स्वीकृत प्राचार्य, उप प्राचार्य और पोस्ट ग्रेज्यूएट टीचर (पीजीटी) के पदों को राज्य स्तर से, टीजीटी, ग्रंथपाल, संगीत शिक्षक, कला शिक्षक, शारीरिक शिक्षक, विशेष शिक्षक, छात्र पारामर्शदाता, प्रयोगशाला सहायक, तकनीकी सहायक, लेखापाल, कार्यालय अधीक्षक, शैक्षणिक एवं व्यवसायिक मार्गदर्शक, छात्रावास अधीक्षक, केयरटेकर, वरिष्ठ सचिवालय सहायक, कनिष्ठ सचिवालय सहायक और चिकित्सा परिचायक के पदों की भर्ती जिला स्तर पर समिति द्वारा की जाएगी।
अंग्रेजी माध्यम से होगा संचालन
संचालक मंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में स्वीकृत 29 नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम से संचालित किया जाए। इस संबंध में जिला कलेक्टरों को पत्र जारी किया जा चुका है। इन विद्यालयों में सभी वैकल्पिक व्यवस्था हो गयी है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में स्काउट एण्ड गाइड की गतिविधियां शुरू की जाएगी।
बढ़ेगी सीटों की संख्या भी
बैठक में बताया गया, भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा सीसीडी योजना अंतर्गत प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 10 आवासीय विद्यालय स्वीकृत किए गए थे। पहले इन आवासीय विद्यालयों में स्वीकृत सीट संख्या 100 थी और यह विद्यालय कक्षा 6वीं से 10वीं तक संचालित हो रहे थे। अब इन आवासीय विद्यालयों में कक्षा पहली से पांचवीं तक को जोड़ा गया है और इससे सीट संख्या 100 से बढ़कर 200 हो जाएगी।
शिक्षकों को मिलेगा प्रशिक्षण, तय होगी रैंकिंग
बैठक में विभागीय सचिव डीडी सिंह ने कहा, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाए। प्रदेश में संचालित इन आवासीय विद्यालयों में अधोसंरचना, शैक्षणिक गतिविधि, परीक्षा परिणाम, स्टाफ आदि के अनुसार रैंकिंग की जाए। कम रैंकिंग वाले विद्यालयों में आने वाली दिक्कतों को दूर किया जाए। इसके लिए अन्य प्रदेश के अच्छे स्कूलों का अध्ययन भ्रमण किया जा सकता है।