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CG Medical college: लाइब्रेरी में रखे थे उधार के जर्नल
वही बात करे मेडिकल कॉलेजो की तो कांकेर मेडिकल कॉलेज तीन साल पहले खुला है। जबकि कोरबा व महासमुंद को दो साल पहले मान्यता मिली है। नए कॉलेज होने के कारण वर्तमान में लाइब्रेरी में उधार के जर्नल रखे गए हैं। महासमुंद कॉलेज के लिए रायपुर मेडिकल कॉलेज से जर्नल भेजे गए हैं। जबकि कांकेर में जगदलपुर व कोरबा को सिस बिलासपुर से जर्नल उधारी लेनी पड़ी है। जब नए कॉलेजों में जर्नल की खरीदी हो जाएगी, तब ये जर्नल संबंधित कॉलेजों को लौटाए जाएंगे।लाइब्रेरी में देश विदेश के जर्नल होने का फायदा
CG Medical Library: वही महासमुंद में पहले टेंडर में केवल दो एजेंसी के आने के कारण यह रद्द कर दिया गया था। चिकित्सा शिक्षा से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नए व पुराने मेडिकल कॉलेजों की मान्यता के लिए लाइब्रेरी का होना अनिवार्य है। नेशनल मेडिकल कमीशन की टीम जब कॉलेजों का निरीक्षण करती है, तब लाइब्रेरी भी महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आजकल बड़े कॉलेजों में ई-लाइब्रेरी की सुविधा भी दी जा रही है। ताकि मेडिकल स्टूडेंट अपडेट वर्जन की नई बातें व एडवांस बातें सीख सकें। आपको बता दे कि की कई बार एमबीबीएस के अलावा पीजी स्टूडेंट लाइब्रेरी में पढ़ते हुए दिख जाते हैं। साथ ही ऐसी फैकल्टी भी दिख जाते हैं, जो एमडी या एमएस के पास डीएम या एमसीएच की तैयारी कर रहे हों। लाइब्रेरी में देश विदेश के जर्नल होने का फायदा छात्रों के साथ डॉक्टरों को भी मिलता है। मेडिकल एजुकेशन व रिसर्च की जानकारी के लिए अपडेट रहना जरूरी है।