इस पूरी घटनाक्रम में प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस गांव की निवासी 23 वर्षीय पीड़िता का घटना दिनांक 2 नवम्बर को घर में उसके भाई से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। विवाद के बाद पीड़िता अपने घर से निकल कर बगल के एक बस्ती में चली गई थी। पीड़िता के मुताबिक इसी बस्ती में रहने वाले दो आरोपी संदीप और किशोर ने सीमेंट ढोने के बहाने, उसके रिश्तेदार के घर से बुला कर ले गए और उसके साथ जबरन अनाचार किया। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों ने मामले की जानकारी किसी को ना देने की धमकी देते हुए पीड़िता को छोड़ दिया।
गांव की बैठक में चुप बैठने का दबाव
इस बीच गांव में पीड़िता को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने से रोकने के लिए आरोपियों ने तमाम हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया। पीड़िता ने मीडिया को दिए गए अपने बयान में बताया है कि 14 नवम्बर के दोपहर को उसके गांव में इस मामले को लेकर एक सामाजिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में उसे आरोपियों के साथ गांव वाले के सामने खड़ा करके मामले की जानकारी ली गई।
इस बैठक में पीड़िता ने दोनों आरोपियों की करतूत बताते हुए इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई। लेकिन तमाम मर्यादा और मानवता को ताक में रखते हुए बैठक में शामिल कुछ विशेष लोगों ने पूरे मामले में गांव की छवि खराब करने का आरोप लगाते हुए आरोपित दोनों युवक के साथ पीड़िता पर 5-5 हजार रूपए का अर्थदंड आरोपित कर दिया।
पीड़िता का कहना है कि दोनों आरोपियों ने सामाजिक बैठक के बाद ही अर्थदंड का भुगतान कर दिया था लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह इस रकम को नहीं भर पाई। इसलिए अब उस पर इस मामले को लेकर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज ना कराने का दबाव बनाया जा रहा है। वहीं दुष्कर्म करने के बाद बेखौफ हो कर गांव में घूम रहे दोनों आरोपी भी परोक्ष रूप से उसे व उसके परिजनों को धमकाने की कोशिश में हैं।
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