गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan Muhurat 2019) :
सुबह – प्रातः 06:16 से प्रातः 07:48 तक
दूसरा मुहूर्त – प्रातः 10:51 से प्रातः 03:27 तक
दोपहर मुहूर्त – शाम 04:59 से शाम 06:30 तक
शाम मुहूर्त (अमृता, चर) – प्रातः 06:30 अपराह्न से 09:27 बजे
रात्रि मुहूर्त (लब) – 12:23 AM से 01:52 AM, 13 सितंबर
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 05:06 AM 12 सितंबर, 2019 से
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 07:35 AM 13 सितंबर, 2019 को
सुबह – प्रातः 06:16 से प्रातः 07:48 तक
दूसरा मुहूर्त – प्रातः 10:51 से प्रातः 03:27 तक
दोपहर मुहूर्त – शाम 04:59 से शाम 06:30 तक
शाम मुहूर्त (अमृता, चर) – प्रातः 06:30 अपराह्न से 09:27 बजे
रात्रि मुहूर्त (लब) – 12:23 AM से 01:52 AM, 13 सितंबर
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ – 05:06 AM 12 सितंबर, 2019 से
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 07:35 AM 13 सितंबर, 2019 को
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गणपति विसर्जन की विधि (Ganesh Visarjan Vidhi) :
– लकड़ी का एक पटरा लें और उसे गंगाजल से साफ कर लें अब घर की महिला उस पटरे पर स्वास्तिक बनाए।
– अब पटरे पर अक्षत रखें उस पर पीला, गुलाबी या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर जिस स्थान पर गणपति की स्थापना की गई थी अब मूर्ति को वहां से उठाकर पटरे पर रखें।
– गणेश जी को विराजमान करने के बाद पटरे पर फल, फूल और मोदक रखें।
– गणेश जी को विदा करने से पहले उनकी प्रतिमा की विधिवत पूजा करें और बप्पा को भोग लगाएं। इसके बाद उन्हें वस्त्र पहनाएं।
– अब एक रेशमी कपड़ा लें उसमें मोदक, कुछ पैसे, दूर्वा घास और सुपारी लेकर उसमें गांठ बांध दें और इस पोटली को बप्पा के साथ ही बांध दें।
– अब घर के सभी लोग एक साथ बप्पा की आरती उतारें और गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाएं।
– इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर उनसे क्षमा प्रार्थना करें कि अगर इस दौरान कोई गलती हो गयी हो तो उसके लिए क्षमा करें।
– विजर्सन के समय ध्यान रहे कि गणेश प्रतिमा व अन्य चीजों को फेंके नहीं, बल्कि पूरे मान-सम्मान के साथ धीरे-धीरे एक-एक चीज विसर्जित करें।
– लकड़ी का एक पटरा लें और उसे गंगाजल से साफ कर लें अब घर की महिला उस पटरे पर स्वास्तिक बनाए।
– अब पटरे पर अक्षत रखें उस पर पीला, गुलाबी या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। फिर जिस स्थान पर गणपति की स्थापना की गई थी अब मूर्ति को वहां से उठाकर पटरे पर रखें।
– गणेश जी को विराजमान करने के बाद पटरे पर फल, फूल और मोदक रखें।
– गणेश जी को विदा करने से पहले उनकी प्रतिमा की विधिवत पूजा करें और बप्पा को भोग लगाएं। इसके बाद उन्हें वस्त्र पहनाएं।
– अब एक रेशमी कपड़ा लें उसमें मोदक, कुछ पैसे, दूर्वा घास और सुपारी लेकर उसमें गांठ बांध दें और इस पोटली को बप्पा के साथ ही बांध दें।
– अब घर के सभी लोग एक साथ बप्पा की आरती उतारें और गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगाएं।
– इसके बाद दोनों हाथ जोड़कर उनसे क्षमा प्रार्थना करें कि अगर इस दौरान कोई गलती हो गयी हो तो उसके लिए क्षमा करें।
– विजर्सन के समय ध्यान रहे कि गणेश प्रतिमा व अन्य चीजों को फेंके नहीं, बल्कि पूरे मान-सम्मान के साथ धीरे-धीरे एक-एक चीज विसर्जित करें।
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