रायपुर

Gandhi Jayanti 2024: बापू के जीवन में काफी मायने रखती थीं ये 6 महिलाएं, जानिए इनका योगदान

Gandhi Jayanti 2024: महात्मा गांधी के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में कई महिलाएं कदम से कदम मिलाकर चलती थीं। इनमें से कुछ प्रमुख महिलाएं थीं तो आइए जानते हैं राष्ट्रपिता के जीवन से जुडी कुछ खास बातें…

Oct 02, 2024 / 06:36 pm

Khyati Parihar

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कस्तूरबा गांधी: महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी, स्वतंत्रता संग्राम में गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलीं। उन्होंने न केवल गांधी के कार्यों का समर्थन किया, बल्कि खुद भी स्वतंत्रता आंदोलनों में सक्रिय रहीं। बता दें कि सत्याग्रह और असहयोग आंदोलन में कस्तूरबा की भूमिका महत्वपूर्ण थी। अगर गांधी को बापू कहा जाता है तो कस्तूरबा गांधी भी देशवासियों के लिए बा थीं।
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सरोजिनी नायडू: सरोजिनी नायडू, 'भारत की कोकिला' के नाम से जानी जाने वाली, स्वतंत्रता संग्राम की एक प्रमुख महिला नेता थीं। उन्होंने नमक सत्याग्रह और गांधी द्वारा शुरू किए गए विभिन्न आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। आपको बता दें कि वे गांधी की करीबी सहयोगी थीं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं।
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कमला देवी चट्टोपाध्याय: इन्होनें महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी के नेतृत्व में, वे स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलनों में शामिल हुईं और खादी तथा स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाया।
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अरुणा आसफ अली: अरुणा आसफ अली ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भारत के युवाओं को प्रेरित किया। उन्हें "भारत छोड़ो आंदोलन" में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए जाना जाता है। वे गांधी की नीतियों और विचारधारा की प्रबल समर्थक थीं।
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मीरा बेन: मीरा बेन विदेशी महिला हैं, जो महात्मा गांधी से बहुत प्रेरित थीं और अपने घर को छोड़कर भारत आ गईं थीं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के कई महत्वपूर्ण पहलुओं में गांधी जी के साथ काम किया।
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डॉ सुशीला नय्यर: महात्मा गांधी के सचिव प्यारेलाल पंजाबी की बहन डॉ सुशीला नय्यर गांधी जी प्रभावित थीं। डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी कर सुशीला गांधी की निजी डॉक्टर बन गईं। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सुशीला कस्तूरबा गांधी के साथ मुंबई में गिरफ्तार हो गईं।
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गांधी जी को राष्ट्रपिता किसने कहा: 4 जून 1944 को सिंगापुर में एक रेडियो मैसेज देते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने महात्मा गांधी को देश का पिता (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया था। आगे चलकर भारत सरकार ने इस नाम को मान्यता दी।
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हालांकि गांधी जी को बापू इससे बहुत पहले से कहा जाता था। इतिहासकारों के अनुसार, 1917 में चंपारण सत्याग्रह के दौरान एक किसान ने उन्हें बापू (पिता) कहकर संबोधित किया था।
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महात्मा गांधी की हत्या: भारत को आजादी मिलने के सिर्फ 5 महीने बाद ही 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई।
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नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने दिल्ली में गांधी जी को गोली मार दी। गांधी जी की मृत्यु न सिर्फ भारत, पूरे विश्व को शोक में डालने वाली थी।

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