बता दें कि शहर में खाने-पीने की दुकानों के लाइसेंस पिछले साल की तुलना में इस साल 20 प्रतिशत तक बढ़ाना है। शहर में अभी 20 हजार से अधिक लाइसेंस मौजूद हैं। लेकिन अब इन्हें बढ़ा कर 23 हजार तक पहुंचाना है। इसलिए एफएसएसएआई द्वारा नए-नए प्रयास (CG Hindi News) किए जा रहे हैं। एफएसएसएआई ने ईट राइट चैलेंज की शुरुआत की है, जिसके तहत शहर में 3000 हजार से ज्यादा लाइसेंस बनाकर दिए जाएंगे।
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पिछली बार 27 नंबर पिछली बार रायपुर के 100 अंक की प्रतियोगिता में रायपुर को 27 अंक मिले थे। राजधानी की रैंकिंग भी काफी पीछे थी। इस बार रेटिंग सुधारने के लिए एक महीने के अंदर टास्क पूरा किया जाना है। इसके लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। एफएसएसएआई ने इस साल भी प्रतियोगिता का आयोजन किया है। ये तीसरा वर्ष होगा। ये 30 सितंबर तक जारी रहेगा। इन मापदंड पर खरा उतरना जरूरी – खाद्य कारोबारियों, निर्माताओं और दुकानदारों के लाइसेंस और पंजीयन में वृद्धि
– निगरानी के लिए खाद्य पदार्थों के नमूने लेने के लिए अभियान
– छापामार कार्रवाई के तहत पांच महीने की अवधि में हाई रिस्क श्रेणी के खाद्य पदार्थों के 35 नमूने लेना
– खाद्य प्रतिष्ठानों की ऑनलाइन जांच
– आम जनता की शिकायतों का 15 दिन से कम समय में निराकरण
– खानपान के बाजार को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में विकसित करना
– साफ-सुथरी और ताजी सब्जियों और फलों का एक बाजार विकसित करना
– पूजा स्थल या मंदिर परिसर को साफ-सुथरा रखना
– मंदिर में प्रसाद को शुद्ध तरीके से बनाने के लिए भोग
– होटल, रेस्त्रां, पके भोजन की होम डिलिवरी करने वाले संस्थान की हाईजीनिक रेटिंग
– स्कूल, कालेज, शैक्षणिक या व्यावसायिक संस्थान के कैंटीन को ईट राइट कैंपस की तरह विकसित करना
– इट राइट चैलेंज के तहत इन सभी मापदंडों के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए जाते हैं। जिसके आधार पर रेटिंग दी जाती है।
– निगरानी के लिए खाद्य पदार्थों के नमूने लेने के लिए अभियान
– छापामार कार्रवाई के तहत पांच महीने की अवधि में हाई रिस्क श्रेणी के खाद्य पदार्थों के 35 नमूने लेना
– खाद्य प्रतिष्ठानों की ऑनलाइन जांच
– आम जनता की शिकायतों का 15 दिन से कम समय में निराकरण
– खानपान के बाजार को क्लीन स्ट्रीट फूड हब के रूप में विकसित करना
– साफ-सुथरी और ताजी सब्जियों और फलों का एक बाजार विकसित करना
– पूजा स्थल या मंदिर परिसर को साफ-सुथरा रखना
– मंदिर में प्रसाद को शुद्ध तरीके से बनाने के लिए भोग
– होटल, रेस्त्रां, पके भोजन की होम डिलिवरी करने वाले संस्थान की हाईजीनिक रेटिंग
– स्कूल, कालेज, शैक्षणिक या व्यावसायिक संस्थान के कैंटीन को ईट राइट कैंपस की तरह विकसित करना
– इट राइट चैलेंज के तहत इन सभी मापदंडों के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए जाते हैं। जिसके आधार पर रेटिंग दी जाती है।
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ऐसे होगी रैंकिंग देश भर के पहले 150 आवेदनकर्ता जिलों को एफएसएसएआई द्वारा 5 लाख रुपये की शुरूआती फंडिंग दी जाती है। शहर द्वारा की जा रही गतिविधियों की एक मासिक रिपोर्ट ईट राइट चैलेंज की वेबसाइट पर अपलोड की जाती है। प्रतियोगिता की एक तय समय सीमा (Raipur News) के बाद जिलों की रैंकिंग जारी की जाती है और उसके आधार पर उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। स्वास्थ्यप्रद एवं गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थो के विक्रय एवं निर्माण का कल्चर डवलप करने के लिए आम नागरिकों में गुणवत्तापूर्ण एवं स्वास्थ्यप्रद खाद्य प्रदार्थो के उपयोग जागरूकता विकसित करने के उदेश्य से ईट राइट चैलेन्ज प्रतियोगिता शुरू की गई है। – केडी कुंजाम, कंट्रोलर, फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट