पुलिस के मुताबिक महालेखाकार कार्यालय में वरिष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी के रूप में पदस्थ निशांत कुमार यादवेश ने अपने मकान को किराए में देने के लिए ओएलएक्स (Crime News) में विज्ञापन दिया था। साइबर ठग ने उन्हें कॉल किया और खुद को सीआईएसएफ का जवान बताया। उसने कहा कि उसका तबादला रायपुर एयरपोर्ट में हो गया है। इस लिए उसे किराए पर एक मकान चाहिए। उसने एडवांस में किराया देने के लिए उनका बैंक डिटेल मांगा।
CG Thagi News: निशांत ने बैंक खाते की जानकारी दे दी। इसके बाद साइबर ठग ने पेमेंट के लिए उन्हें क्यूआर कोड भेजा। इसे स्कैन करते ही निशांत के बैंक खाते से साइबर ठग ने चार बार में 94 हजार रुपए निकाल लिया। इसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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डॉक्टर को भी दिया झांसा महालेखाकार के अधिकारी से जिस पैटर्न में ठगी की गई है, उसी पैटर्न में साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को भी ठग लिया। डॉक्टर जाफर मेमन का संतोषी नगर में मेमन पैथोलॉजी सेंटर है। रविवार को एक व्यक्ति ने उन्हें सीआरपीएफ का अधिकारी बनकर कॉल किया। उसने कैंप के 100 जवानों का ब्लड टेस्ट कराने के लिए जानकारी ली। टेस्ट की फीस भी पूछा। टेस्ट के लिए एडवांस राशि देने के लिए उसने ऑनलाइन पेमेंट भुगतान के लिए खाते की जानकारी ली। क्यूआर कोड भेजकर डाक्टर के बैंक खाते में 10 रुपए जमा किया। इसके कुछ देर डॉक्टर के खाते से करीब 1 लाख रुपए पार हो गए। इसकी शिकायत तेलीबांधा थाने में की गई है।