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रायपुर

गजब की ठगी : जमीन है ही नहीं, बनाए फर्जी दस्तावेज, फिर दो बैंकों ने दे दिया 71 लाख का लोन

Raipur Crime News : गुढ़ियारी इलाके में गजब की ठगी हो गई।

रायपुरJul 17, 2023 / 11:03 am

Kanakdurga jha

जमीन है ही नहीं, बनाए फर्जी दस्तावेज, फिर दो बैंकों ने दे दिया 71 लाख का लोन

Raipur Crime News : गुढ़ियारी इलाके में गजब की ठगी हो गई। जो जमीन है ही नहीं, उसके नाम से दस्तावेज बना लिया गया। इन दस्तावेजों के आधार पर दो बैंकों ने 71 लाख रुपए से अधिक का लोन भी दे दिया। लोन की किस्त जमा नहीं होने पर बैंक अधिकारियों ने जांच की, तब इसका खुलासा हुआ। बैंक प्रबंधन की शिकायत पर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
दूसरे बैंक से भी लिया लोन

Raipur Crime News : छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के अलावा आरोपियों ने श्रीराम फाइनेंस कंपनी से भी फर्जी दस्तावेज बनाकर ठगी की। 19 फरवरी 2021 को एमए नईम की आम मुख्तयारनामा से अभिषेक राउत ने देवेंद्र देवांगन को खसरा नंबर 49/8 का भाग और कुल रकबा 5146 वर्गफीट में से कुछ भाग 3000 वर्गफीट को बेचा था, जबकि रेकार्ड के मुताबिक केवल 2146 वर्गफीट ही जमीन बची थी। इन दस्तावेजों के आधार पर देवेंद्र ने श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 31 लाख 20 हजार रुपए का आवास ऋण ले लिया। इस तरह क्रेता और विक्रेता ने मिलीभगत करके एक ही जमीन से दो बार अलग-अलग बैंक से लोन ले लिया। दोनों बैंकों से कुल 71 लाख 20 हजार रुपए का आवास लोन लिया गया।
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बैंक अधिकारियों की भूमिका पर भी उठे सवाल

पुलिस के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में देवेंद्र देवांगन और उसकी पत्नी प्रीति ने 13 अक्टूबर 2021 को 40 लाख रुपए का आवास लोन लिया था। बैंक में जमा विक्रय विलेख में जमीन गुढ़ियारी में खसरा नंबर 49/8 का भाग और रकबा 3000 वर्गफीट में बताया गया था। इसे जमीन मालिक एमए नईम के आम मुख्तियारनामा के जरिए अभिषेक राउत ने देवेंद्र को बेचा था। विक्रय विलेख 19 जनवरी 2021 का है। इस आधार पर बैंक ने लोन स्वीकृत कर दिया। लोन स्वीकृत होने के बाद देवेंद्र शुरुआती कुछ माह तक किस्त जमा करता रहा। बाद में बंद कर दिया। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने मामले की जांच की।

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दूसरे बैंक से भी लिया लोन

छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के अलावा आरोपियों ने श्रीराम फाइनेंस कंपनी से भी फर्जी दस्तावेज बनाकर ठगी की। 19 फरवरी 2021 को एमए नईम की आम मुख्तयारनामा से अभिषेक राउत ने देवेंद्र देवांगन को खसरा नंबर 49/8 का भाग और कुल रकबा 5146 वर्गफीट में से कुछ भाग 3000 वर्गफीट को बेचा था, जबकि रेकार्ड के मुताबिक केवल 2146 वर्गफीट ही जमीन बची थी। इन दस्तावेजों के आधार पर देवेंद्र ने श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से 31 लाख 20 हजार रुपए का आवास ऋण ले लिया। इस तरह क्रेता और विक्रेता ने मिलीभगत करके एक ही जमीन से दो बार अलग-अलग बैंक से लोन ले लिया। दोनों बैंकों से कुल 71 लाख 20 हजार रुपए का आवास लोन लिया गया।
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मिलीभगत का खेल
राजस्व निरीक्षक से दस्तावेजों की जांच कराई गई। इससे खुलासा हुआ कि जिस जमीन के एवज में लोन जारी किया गया था, वह जमीन मौके पर है ही नहीं। क्रेता और विक्रेता ने मिलीभगत करके बैंक से लाखों रुपए का लोन निकाल लिया। इसकी शिकायत बैंक प्रबंधन ने गुढ़ियारी थाने में की। पुलिस ने दोनों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया। दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
जमीन ही नहीं है
मामले की जांच बैंक प्रबंधन ने रेवेन्यू इंस्पेक्टर नागेंद्र सिंह से कराई। जांच के दौरान खसरा नंबर 49/8 के भाग के मौका चौहद्दी के अनुसार ऐसी कोई जमीन ही नहीं मिली। आरोपियों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जो जमीन वास्तविकता में है ही नहीं, उसका दो बार विक्रय विलेख बनाया। इसके बाद दोनों बैंकों से ऋण ले लिया। गुढ़ियारी पुलिस ने अपराध दर्ज करने के बाद मोहम्मद अब्दुल नईम को मौदहापारा से और देवेंद्र देवांगन को जगदलपुर से गिरफ्तार कर लिया है।

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