वर्तमान में रायपुर जिले में 1800 से अधिक विदेशी नागरिक रहे हैं। इसमें महिला-पुरुष दोनों शामिल हैं। इसके अलावा 31 विदेशी छात्र-छात्राएं हैं, जो अलग-अलग कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं। राजधानी और कुछ प्रमुश शहरों में कारोबार और एजुकेशन के लिए बेहतर माहौल होने के चलते विदेशियों का आना बढ़ा है। राष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संस्थानों के चलते भी विदेशी छात्र-छात्राओं की रुचि बढ़ी है।
स्टूडेंट्स सहित 1831 विदेशी जिले में अधिकारिक तौर पर कुल 1831 विदेशी नागरिक रहे हैं। 30 छात्र-छात्राएं हैं, जो अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन कर रहे हैं। बाकी बिजनेस व लांग टर्म वीजा पर हैं। ज्यादातर लोग पाकिस्तान, सउदी अरब और अफ्रीकन कंट्री के हैं। खास बात यह है सबसे कम टूरिस्ट हैं।
530 पाकिस्तानी अब स्थानीय नागरिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत से रायपुर आने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। पिछले सात सालों में रायपुर जिले में 530 पाकिस्तानी आए हैं। प्रशासन ने उन्हें स्थानीय नागरिकता दे दी है। इनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत से आए हैं। इन लोगों के कोई रिश्तेदार भारत विभाजन से पूर्व यहां रह रहे हैं या फिर किसी ने शादी ही पाकिस्तान की किसी लड़की से कर ली है।
छत्तीसगढ़ की नागरिकता लेने 667 से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं। इनमें से 530 को ही अनुमति दी गई है। बेहतर कानून व्यवस्था और जरूरत के मुताबिक सुविधाएं और ज्यादा अवसर होने के कारण बाहर से अच्छे लोग भी काम की तलाश में आते हैं। – प्रशांत अग्रवाल, एसएसपी रायपुर
अवैध तरीके से भी आना-जाना अधिकारिक तौर पर रहने वाले विदेशी नागरिकों के आलवा रशियन, थाईलैंड की युवतियों का अनधिकृत रूप से भी आना-जाना लगा रहता है। पिछले दिनों मोवा इलाके में संदिग्ध रूप से रशियन देश किर्गिस्तान की युवती की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
युवती ने वीजा तो लिया था, लेकिन रायपुर आने की सूचना किसी को नहीं दी गई थी। वह करीब 62 दिन से रायपुर में रह रही थी। इससे पहले भी रायपुर के स्पा सेंटरों में बड़ी संख्या में थाइलैंड और बैंकाक की युवतियां पकड़ी जा चुकी हैं। उन पर देश निकाला की कार्रवाई भी की जा चुकी है।