रायपुर

कोरोना से जंग में ऐसा पहला हफ्ता जिसमें नहीं मिला कोई संक्रमित मरीज, पांच दिन में 17 को मिली छुट्टी

प्रदेश में सोमवार से मजदूरों और बाहर फंसे हुए लोगों की वापसी शुरू हो चुकी है। ऐसे में अब इनकी रेलवे स्टेशन और अन्य जगहों पर स्क्रीनिंग, क्वारंटाइन करना, रोजाना स्वास्थ्य परीक्षण करना बड़ी चुनौती है। इससे भी बड़ी चुनौती मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखना है, क्योंकि बीते दिनों इनमें से कुछ फरार भी हो चुके हैं।

रायपुरMay 12, 2020 / 08:20 pm

Karunakant Chaubey

कोरोना से जंग में ऐसा पहला हफ्ता जिसमें नहीं मिला कोई संक्रमित मरीज, पांच दिन में 17 को मिली छुट्टी

रायपुर. छत्तीसगढ़ कोरोना वायरस का डट कर मुकाबला कर रहा है। सरकार द्वारा फरवरी-मार्च में उठाए गए एहतियातन कदमों की वजह से, स्वास्थ्य विभाग की स्क्रीनिंग और कांटेक्ट ट्रेसिंग प्लानिंग और जन-जागरूकता की वजह से आज प्रदेश गोवा और मणिपुर की तरह ही कोरोना मुक्त राज्य की तरफ बढ़ रहा है। स्थिति यह है कि ५ मई से १२ मई के बीच प्रदेश में कोरोना का एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला। इस बीच अच्छी खबर यह रही कि इन दिनों में १७ मरीज वायरस मुक्त होकर एम्स रायपुर से डिस्चार्ज कर दिए गए। अब बस पांच मरीज बचे हैं।

प्रदेश में सोमवार से मजदूरों और बाहर फंसे हुए लोगों की वापसी शुरू हो चुकी है। ऐसे में अब इनकी रेलवे स्टेशन और अन्य जगहों पर स्क्रीनिंग, क्वारंटाइन करना, रोजाना स्वास्थ्य परीक्षण करना बड़ी चुनौती है। इससे भी बड़ी चुनौती मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रखना है, क्योंकि बीते दिनों इनमें से कुछ फरार भी हो चुके हैं। इसलिए विभाग मान रहा है आने वाले 30 दिन काफी अहम होने वाले हैं। अगर, इस दौरान स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया तो जंग जीत जाएंगे।

ऐसे राज्य जहां एक भी कोरोना मरीज की नहीं गई जान

राज्य- मरीज

अरूणाचल प्रदेश- 01
मिजोरम- 01

मणिपुर-02
गोवा- 07

छत्तीसगढ़- 59
त्रिपुरा- 152

दूसरे राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के शहरों में जनसंख्या घनत्व कम –

एम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर से पत्रिका ने राज्य में कोरोना वायरस को लेकर मौजूदा स्थिति पर बात की। उन्होंने कहा- राज्य सरकार की सतत निगरानी का नतीजा है कि प्रदेश में कोरोना का संक्रमण का ज्यादा फैलाव नहीं हुआ। कोरबा और सूरजपुर स्पॉट बना पर सही समय पर सील करने से स्थिति जल्द नियंत्रण में आ गई। मरीजों की सही समय पर पहचान कर एम्स पहुंचाना फैलाव नहीं होने का एक प्रमुख कारण हैं। दूसरे प्रदेशों के कई शहरों में घनी आबादी है, जबकि छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं है। एक प्रकार से कहा जाए तो दूसरे राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ के शहरों में जनसंख्या घनत्व काफी कम है। उन्होंने कहा कि टीमवर्क ही ‘संजीवनीÓ है। आईसीएमआर की गाइडलाइन के दिशा-निर्देश के अनुसार ही दवाएं दी जाती है लेकिन सबसे बड़ी चीज मॉनीटरिंग करने की होती है, जो यहां के डॉक्टर व स्टॉफ बखूबी निभा रहे हैं।

रायपुर में आखिरी पॉजिटिव मरीज भी वायरस मुक्त हुआ

मंगलवार को एक और कोरोना संक्रमित मरीज को छुट्टी दे दी गई। ४ मई को रायपुर के कुकुरबेड़ा निवासी २४ वर्षीय युवक संक्रमित मिला था। जिसके बाद इस कुकुरबेड़ा समेत इससे सटे हुए छह अन्य क्षेत्र को कंटेन्मेंट जोन घोषित कर दिया गया था। इस दौरान २० टीमें बनाई गई थीं, जिन्होंने युवक के माता-पिता समेत 100 लोगों के सैंपल लिए थे। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई थी।

मंगलवार दोपहर को सूचना आई कि बिलासपुर में कुछ मजदूर पॉजिटिव पाए गए हैंं। तमाम जांच-पड़ताल के बाद यह अफवाह निकली। चाहे हल्ला ही क्यों न हो, विभाग को सक्रिय रहना पड़ता है।

डॉ. अखिलेश त्रिपाठी, उप संचालक एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग

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