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फ्यूल स्टेशन नहीं इसलिए गाडिय़ां भी नहीं थी अभी तक सीएनजी फ्यूल स्टेशन नहीं होने की वजह से गाडिय़ां भी बाजार मेंं उपलब्ध नहीं है। सिर्फ शहर के 10 फीसदी ऑटो ही सीएनजी से संचालित होते हैं। अब पंप की शुरूआत होने से वाहनों की उपलब्धता बढ़ सकती है। पेट्रोल-डीजल का बेहतर विकल्प सीएनजी हो सकता है। सीएनजी की सुविधा मिलने से सीएनजी से चलने वाले वाहनों की डिमांड बढ़ेगी। सीएनजी सेे वाहन चालकों पर भार कम आएगा। प्रदूषण कम होने के साथ ही इसमें माइलेज भी ज्यादा मिलेगा। मिलता है यह लाभ – पर्यावरण पूदषित कम होता है जिससे श्वांस व दमा के रोगियों की संख्या में कमी आएगी।
– सीएनजी की प्रत्येक गाड़ी 30-35 किलोमीटर प्रति किलोग्राम का एवरेज देती है। इस तरह महज 1.5 रुपए किलाेमीटर का ही खर्च आता है।
– सीएनजी 64.15 रुपये प्रति किलाे मिल रही है।
– गैस के उपयोग से इंजन की आवाज कम हो जाती है, जिससे बहुत कम ध्वनि प्रदूषण होता है।
– सीएनजी की प्रत्येक गाड़ी 30-35 किलोमीटर प्रति किलोग्राम का एवरेज देती है। इस तरह महज 1.5 रुपए किलाेमीटर का ही खर्च आता है।
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– गैस के उपयोग से इंजन की आवाज कम हो जाती है, जिससे बहुत कम ध्वनि प्रदूषण होता है।