डीएमएफ के टेंडर में होता था खेल DMF Scam: ईडी को डीएमएफ घोटाले की जांच के दौरान पता चला था कि कोरबा के डीएमएफ फंड से होने वाले कामों की निविदाओं के आंवटन में भारी वित्तीय अनियमितताएं बरती गई। अपने खास लोगों की कंपनियों को उपकृत करने कमीशन लेकर गलत तरीके से निविदा दी गई थी। इसके एवज में निविदा लेने वालों से 20 फीसदी तक कमीशन लिया गया था। कुल निविदा में करीब 40 फीसदी तक फर्जीवाड़ा किया गया। साथ ही वसूली की रकम सिंडीकेट में शामिल लोगों तक पहुंचाई गई थी। यह घोटाला कोरबा के साथ ही रायगढ़, बिलासपुर और विभिन्न जिलों में हुआ था। इसके इनपुट मिलने के बाद ईडी द्वारा छापेमारी की गई थी। बता दें कि जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) निधि खदानों की नीलामी से रकम कलेक्टर को मिलती है। इसका उपयोग वह विभिन्न विकास कार्यों के लिए खर्च करते हैं।
.com/raipur-news/woman-cheated-of-lakhs-by-making-fake-insurance-policy-raipur-8700460/”>कई रूपों में चल रहा खेल…फर्जी बीमा पॉलिसी बनाकर शातिर ने ठगा लाखों रुपए, केस दर्ज
डीएमएफ फंड घोटाले: 54 पर संदेह जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) घोटाले में निलंबित कलेक्टर (IAS Ranu Sahu) रानू साहू, कारोबारी एवं टेंडर लेने वाले संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी एवं बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पीयूष सोनी, पीयूष साहू, अब्दुल एवं शेखर को नामजद आरोपी बनाया गया है। साथ ही करीब 54 लोग संदेह के दायरे में हैं।