लघु और सीमांत किसानों के लिए खेती-किसानी हमेशा से चुनौती पूर्ण रही है। राज्य में कई किसान सिंचाई की कमी की वजह से उन्नत कृषि नहीं कर पाते। इसके अलावा रबी और खरीफ की फसल भी नहीं ले पाते। पूरी तरह मानसून पर आधारित खेती में किसान हमेशा चिंतिंत (Shallow Tubewell Scheme) रहता है। ऐसे किसानों के लिए शैलो ट्यूबवेल योजना काफी लाभप्रद साबित हो रहे हैं।
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Shallow Tubewell Scheme 2023: योजना का लाभ लेते हुए महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम चिंगरौद के ऐसे ही लघु सीमांत कृषक तेजकुमार साहू ने खेती को घाटे से उबारते हुए कृषि को लाभदायक बनाया है। वे बताते है कि पूर्व में सिंचाई के साधन नहीं होने से खरीफ में ही खेती का कार्य करते थे, सिंचाई (Raipur News) पूरी तरह मानसून पर निर्भर होने के कारण उत्पादन कम होता था। जिससे फसल उत्पादन की मात्रा उम्मीद से कम होता था। लागत की तुलना में आय कम प्राप्त होती थी। इस कारण घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। कृषक साहू ने कृषि विभाग द्वारा संचालित राजिम भक्तिन धारा योजना अंतर्गत शैलो ट्यूबवेल का लाभ उठाकर अपने खेत में ट्यूबवेल खुदवाया। जिससे अब वे रबी और खरीफ दोनों फसल लेते हैं। अब खेती का रकबा सिंचित होने से फसल का नुकसान (Government Shallow Tubewell Scheme) नहीं होता है। कृषक अब वर्षा के ऊपर निर्भर नहीं है। कृषक के द्वारा खरीफ में धान फसल तथा रबी में दलहन, तिलहन व अन्य फसल का उत्पादन करता है। जिससे कृषक की आय में वृद्धि हुई। इस तरह कृषक वर्ष में
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खरीफ एवं रबी फसल लेकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार किया। विभाग की राजिम भक्तिन धारा योजना अंतर्गत शैलो ट्यूबवेल खनन से कृषक का जीवन स्तर एवं आर्थिक स्तर में सुधार हुआ। किसानों को मिलता है शत प्रतिशत अनुदान Government Shallow Tubewell Scheme 2023: महासमुंद जिले में लगभग 400 शैलो बोर का खनन किया गया हैं। यह कम गहराई वाला या उथला ट्यूबवेल है , जिसकी अधिकतम गहराई 50 फ़ीट होती है। खासकर नदी किनारे बसे गावों के लिए बेहद उपयोगी है। एक शैलो ट्यूबवेल की लागत लगभग 20 हजार रुपये है और (CG Hindi News) शासन इसके लिए किसानों को शत प्रतिशत अनुदान देती है। शासन द्वारा इसमे 5 हजार रुपये खुदाई के लिए और 15 हजार पम्प प्रतिस्थापन के लिए किसानो को प्रदान किया जाता है ।