हाथियों ने राहगीर को फुटबॉल की तरह खेलकर मार डाला, शरीर के हुए कई टुकड़े
स्टेशन में इस तरह के खेल इस तरह समझे कि यदि कोई यात्री रायपुर से दुर्ग जाता है तो 10 रुपए की जगह उसे 30 रुपए स्पेशल लोकल ट्रेनें में किराया लग रहा है। ऊपर से यदि पास यदि एक बड़ा और दो छोटा झोला है तो उस यात्री से बैग सैनिटाइज कराने के नाम पर 30 रुपए और यदि किसी यात्री के पास दो बड़े और दो सामान्य झोला होता तो फिर 40 रुपए की चपत लग जाती है।मौसम का बदला मिजाज: छत्तीसगढ़ में कई जगह बारिश की संभावना, इन इलाकों में गिर सकते हैं ओले
यात्री संख्या बढ़ने पर खुलेआम उठा रहे फायदा
रायपुर स्टेशन से इस समय दो दर्जन से अधिक स्पेशल मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें आना-जाना कर रही हैं। इसके साथ ही 12 लोकल स्पेशल भी चल रही है। इस वजह से स्टेशन में यात्रियों की आवाजाही बढ़ी है। इसी का फायदा रेलवे ने जिस एजेंसी को 10 रुपए में बैग सैनिटाइज कर उस पर पॉलीथिन का कवर लगाकर देने के लिए मुख्य यात्री प्रवेश द्वार में बैठाया था, उसी का फायदा खुलेआम उठाया जा रहा है, जिस पर स्टेशन प्रबंधन की कोई निगरानी नहीं है।
सेनिटाइज की सुविधा स्वैच्छिक
रेलवे सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद पंवार ने कहा, रेलवे प्रशासन ने इस मामले में साफ किया है कि मुख्य यात्री गेट पर बैग स्कैनर नि:शुल्क है, जो कि रेलवे सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है, परंतु बैग सैनिटाइज को लेकर एजेंसी यात्रियों के ऊपर दबाव नहीं बना सकती है। 10 रुपए शुल्क के साथ बैग सैनिटाइज की सुविधा यात्रियों के लिए स्वैच्छिक है। स्टेशन प्रबंधन से पूरी जानकारी ली जाएगी।