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महाकुंभ…
प्रयागराज में होटल-रूम बुकिंग के लिए बड़ी कंपनियों के नाम से कई फर्जी वेबसाइट बना कर लोगों को ठगा जा रहा है। शहर के एक कारोबारी ने होटल की बुकिंग के लिए वेबसाइट सर्च किया। एक प्रतिष्ठित कंपनी की वेबसाइट पर लॉग इन कर उन्होंने ऑनलाइन बुकिंग की। वेबसाइट की ओर से क्यूआर कोड भेजकर उनसे 50 हजार रुपए ले लिए गए। बाद में पता चला कि यह फर्जी वेबसाइट थी। इसी तरह नए साल के लिए भी कई लोग होटल की बुकिंग कर रहे हैँ। पहले भी होटल बुकिंग के नाम पर ठगी का मामला सामने आ चुका है।
सुरक्षा के लिए ये रखें ध्यान
किसी वेबसाइट से बुकिंग करने से पहले उस वेबसाइट का गूगल रिव्यू देख लें। प्रतिष्ठित कंपनियों के वेबसाइट अपने प्रोफाइल भी बनाते हैं। उसके फोटो को भी वेरीफाई करना चाहिए। ऑनलाइन बुकिंग करने के पहले गूगल से मिले नंबरों पर सावधानी से कॉल करें। वेबसाइट पर सर्च करने से पहले उसकी अच्छी तरह से जांच कर लें। वेबसाइट सुरक्षित है या नहीं? फर्जी या संदिग्ध वेबसाइट की पहचान के लिए कई वेबसाइट हैं। इसके अलावा वेबसाइट के लिंक की शुरुआत में एचटीटीपीएस जरूर देख लें।
असली वेबसाइट से मिलते-जुलते नाम की वेबसाइट की स्पेलिंग ठीक से जांच करें। वेबसाइट्स की जांच उनके आधिकारिक यूआरएल से करें। होटल बुकिंग और अन्य सेवाओं के लिए विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का उपयोग करें।
किसी भी फर्जी वेबसाइट या संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दें। (मोहित साहू, साइबर एक्सपर्ट)
यहां से ले सकते हैं कुंभ की जानकारी
कुंभ डॉट जीओवी डॉट इन और प्रयागराज डॉट एनआइसी डॉट इन का उपयोग कर सकते हैं। इसके माध्यम से मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। आपको मोबाइल पर कोई टेक्स्ट मैसेज, वाट्सऐप और ग्रुप के माध्यम से वेब एड्रेस भेजकर लुभावने ऑफर दे, तब उस पर क्लिक न करें। कोई विज्ञापन देखकर साइबर ठगों के झांसे में नहीं आएं। इसकी जानकारी निकालने के लिए सरकारी वेबसाइट का उपयोग करें। साइबर क्राइम के जानकारों के मुताबिक इंटरनेट में लोगों की सुविधाओं से जुड़ी कई फर्जी वेबसाइट हैं। ऑनलाइन बुकिंग, सर्विस प्रोवाइडर, होटल, फूड, शॉपिंग आदि से जुड़ी हैं। ठगों ने नामी होटलों की 50 से ज्यादा फर्जी वेबसाइट्स बनाई थीं, जिन्हें बंद करवा दिया है। 50 से ज्यादा संदिग्ध वेबसाइट की जांच की जा रही है। पुलिस भी मानती है कि साइबर ठगी करने वाले कई वेबसाइट बनाकर लोगों को झांसा देते हैं। ऐसा अक्सर देश में कोई त्योहार, बड़े कार्यक्रम या आयोजन के समय ज्यादा होता है।