मीडियम रेत की कीमत 20 से 22 रुपए फीट और बारीक रेत 28 से 30 रुपए फीट बेचा जा रहा है। इस पर खनिज विभाग कोई एक्शन नहीं ले रहा है। उल्लेखनीय है कि
दिवाली के बाद निर्माण कार्यों में तेजी आ जाती है। गांव से लेकर शहर तक मकान सहित अन्य निर्माण कार्यों में रेत की जरूरत पड़ती है।
15 अक्टूबर से खुल गए हैं घाट
रायपुर जिले में महानदी और खारून के घाटों से रेत परिवहन किया जाता है। नदी से रेत निकालने पर 15 अक्टूबर तक प्रतिबंध लगा दिया गया था। अब रेत निकालने की अनुमति जारी कर दी गई है। ठेकेदारों ने रेत परिवहन शुरू कर दिया था। आधा दर्जन से अधिक रेत घाटों से रेत परिवहन शुरू कर दिया है। अवैध परिवहन भी शुरू
रेत का अवैध परिवहन भी शुरू हो गया है। खनिज विभाग से बिना लीज के ही कई रसूखदारों ने रेत परिवहन करना शुरू कर दिया है।
रेत निकालने के लिए चेन माउंटेन, जेसीबी जैसी मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिन के अलावा रात में भी रेतों का परिवहन किया जा रहा है। आरंग इलाके के महानदी के रेत घाटों से जमकर परिवहन किया जा रहा है। दूसरी ओर घोड़ारी वाले हिस्से में भी रेत का अवैध खनन करने वाले सक्रिय है।
विभाग की खानापूर्ति
बिना लीज के रेत परिवहन करने वालों के खिलाफ खनिज विभाग की कार्रवाई खानापूर्ति की साबित हो रही है। रेत परिवहन पर प्रतिबंध खत्म होने के बाद खनिज विभाग ने चार हाइवा और एक चेन माउंटेन मशीन जब्त किया था। इसके बाद से अब तक कार्रवाई बंद है। बताया जाता है कि विभाग को भी अवैध रेत परिवहन की जानकारी है। इसके बाद भी एक्शन नहीं लिया जा रहा है। इस मामले में खनिज उप संचालक केके गोलघाटेने कहा कि रेत परिवहन 15 अक्टूबर शुरू हो गया है। अवैध परिवहन करने वालों का पता लगाया जाएगा। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।