कॉलेज को फायदा
रैंकिंग सिस्टम के लिए रिसर्च का हिस्सा वजनदार माना जाता है। आपके यहां कितने लोग पीएचडी हैं, कितने रिसर्च हो रहे हैं, कितने पेटेंट हुए, यह बहुत मायने रखता है। पहले यहां पेटेंट जीरो था, अब एक हो गया है। हालांकि अभी सर्टिफिकेट आना बाकी है। बिना परफेप्शन के नहीं बनती रैकिंग। इसमें रिसर्च जरूरी है। छह महीने में 50 परसेंट प्लेसमेंट हो गया है। अभी फाइनल डेटा आना बाकी है।मोटिवेशन नहीं मेहनत चाहिए
एक सवाल पर खान ने कहा कि युवाओं को सिर्फ मोटिवेशन देने से कुछ नहीं होगा। पहली शर्त है मेहनत। अगर कोई मेहनत करना ही नहीं चाहेगा तो उसे जितना भी मोटिवेट कर लो, कुछ नहीं कर पाएगा। खान ने बताया, मुझे छह महीने हुए हैं यहां आए। इससे पहले मैं जीईसी जगदलपुर में था। वहां मैंने रिसर्च और पेटेंट पर खूब काम किया है। वहां तो छात्रों ने भी पेटेेंट कराए हैं। वही फोकस यहां रहेगा। आने वाले दिनों मेंं यहां के लिए कुछ बेहतर करने की कोशिश रहेगी।