यह भी पढ़ें: Electricity Plant: रायपुर सहित इन 7 शहरों में कचरे से बनेगी बिजली, लगेगा वेस्ट टू इलेक्ट्रिसिटी प्लांट, केंद्र को भेजा 400 करोड़ का प्रस्ताव इन दोनों प्रोजेक्ट को लेकर विगत दिनों एडीबी के सदस्यों के साथ पूरे प्लान पर चर्चा हुई है, जिससे यह निकलकर आया कि निगम डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार शासन को भेजेगा। उसी आधार पर कचरे से बिजली और गैस बनाने के प्रोजेक्ट पर काम हो सकता है। इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए 350 करोड़ रुपए की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि, अभी कचरा प्रबंधन सही तरीके से हो न रही है। इससे पर्यावरण और जलवायु को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसका आम शहरी पर भी काफी दुष्प्रभाव पड़ता है। परंतु कचरे से बिजली व गैस बनाने का प्लांट लगने से कचरे पूरा सदुपयोग होने लगेगा।
रोज 700 टन जमा होता है कचरा
शहर के 70 वार्डों और बाजारों से रोजाना लगभग 700 टन कचरा निकल रहा है। शास्त्री बाजार से ही दो से टन निकलता है। इसी कचरे के प्रबंधन के लिए रामकी कंपनी को ठेका दिया गया है। कंपनी प्रोसेसिंग होने वाला फायदा अभी खुद उठा रही है। कचरे से बिजली बनाने का प्लांट लगा ने से निगम को फायदा होने लगेगा और कचरा प्रबंधन भी सही तरीके से होगा।लगभग 8 यूनिट बिजली रोज बनेगी
अब शहर के मुक्कड़ों और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का ठेका रामकी कंपनी को करोड़ों रुपए का दिया गया है। यही कंपनी संकरी में प्रोसेसिंग प्लांट लगाई है। लेकिन कचरा प्रबंधन का अभी बुरा हाल है। ऐसे में बिजली बनाने की कवायद चल रही है। संकरी प्लांट के कचरे से बिजली और गीले कचरे से कंप्रेस बायो गैस का प्लांट लगाने का प्रोजेक्ट तैयार होगा। यह प्रस्ताव बनाकर नगर निगम राज्य शासन को भेजेगा। तब एडीबी से 350 करोड़ रुपए का लोन मिलेगा। निगम अफसरों के अनुसार अभी पूरी प्रक्रिया प्राथमिक तौर पर है। संकरी में शहर का पूरा कचरा डंपिंग ग्राउंड बनाया गया है। जहां रामकी कंपनी के साथ ही निगम के स्वास्थ्य विभाग की गाड़ियों से भी परिवहन कराया जाता है। प्लांट लगने से हर लगभग 8 यूनिट बिजली कचरे से तैयार होने लगेगी। इससे स्ट्रीट लाइटों का बिजली बिल भुगतान का भार कम होगा।