इसके लिए
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कलेक्टरों को इसके लिए विशेष अभियान चलाने को कहा है। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया, इस योजना के संचालन के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस योजना के अंतर्गत डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के 35 (Education loan) तकनीकी एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है।
4 लाख तक लोन
ऐसे
छात्रों जिनके परिवारों की वार्षिक आय 2 लाख से कम है। उनको मोेरेटोरियम अवधि के बाद ऋण किस्तों के नियमित भुगतान की स्थिति में केवल एक प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। शेष ब्याज की राशि का भुगतान राज्य शासन द्वारा सीधे संबंधित बैंक को किया जाएगा। योजना में ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा 4 लाख रुपए निर्धारित है।
Education loan: इन पाठ्यक्रमों में लाभ
योजना के अंतर्गत बीई-बीटेक, एमई, एमटेक, डीआर्क, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एमसीए, एमबीए, डीई, बीपीएड, एमपीएड, पीजीडीसीए, बीएचएमएस, बीएएमएस, बीएनवाईएस, बीएनएस, बीयूएमएस, वीएफएससी, बी.टेक डेयरी, बी.एग्री, बीडीएस, एमडीएस,
एमबीबीएस, बीवीएससी, बीएससी नर्सिंग बेसिक तथा पोस्ट बेसिक, बी. फार्मा, एम फार्मा, डी फार्मा, डिप्लोमा इन मॉर्डन आफिस मेनेजमेंट, डिप्लोमा इन इंटीरियर डेकोरेशन एण्ड डिजाइन, डिप्लोमा इस कास्टयूम डिजाइन एण्ड ड्रेस मेकिंग, बीएड, डीएड, एमएड, के पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए योजना का लाभ लिया जा सकता है।
इनको मिलेगी पात्रता
- – छात्र को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए।
– राज्य में स्थापित तथा सक्षम प्राधिकारी (यथा एआईसीटीई, यूजीसी) मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम प्रवेशित हो।
– परिवार की अधिकतम आय 2 लाख रुपए हो।
– ब्याज अनुदान का लाभ लेने के लिए नियमित रूप से ऋण किस्तों का भुगतान अनिवार्य है।
– ड्रॉप आउट एवं निष्कासित छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा, चिकित्सीय कारणों से एक वर्ष की अधिकतम सीमा तक - – अध्ययन में रुकावट होने की दशा में पात्रता बनी रहेगी।
Education loan: ये हैं नक्सलवाद प्रभावित जिले
राज्य में नक्सलवाद के आतंक से 16 जिले प्रभावित हैं। इनमें बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, कांकेर, कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, सुकमा, कोंडागांव एवं बलरामपुर जिला शामिल है।