ED Raid: आय के श्रोत के बारे में मांगी गई जानकारी
इनमें उनके तथा उनके परिजनों की संपत्ति अर्जित करने आय के श्रोत के बारे में जानकारी मांगी गई। पिछली दफा के पूछताछ में कवासी लखमा ने अपने बड़े पुत्र और बहु की संपत्ति के विवरण देने के लिए समय मांगा था। इसे लेकर ईडी ने कवासी लखमा से पूछा की उन्हें अपने बेटे तथा बहू की संपत्ति की जानकारी देने विलंब क्यों हुआ। इसके अलावा ईडी के अफसरों ने कवासी से एपी त्रिपाठी सहित शराब सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों के साथ संबंध को लेकर सवाल जवाब किया। ईडी के अफसरों ने कवासी लखमा के बेटे कवासी और उनकी आय के श्रोत के बारे में जानकारी मांगी।
ईडी ने पूछा, बगैर जानकारी कैसे किए हस्ताक्षर
ईडी को कवासी लखमा ने अपने पूर्व के बयान में बताया था की वे पढ़े लिखे नहीं है। अफसर उनसे जो भी दस्तावेज लाते थे, उस पर हस्ताक्षर कर देते थे। इसे लेकर ईडी ने कवासी लखमा से सवाल किया। ईडी ने कवासी लखमा से पूछा कि आप बगैर पढ़े दस्तावेजों में सिग्नेचर कर देेते थे। ऐसे में सरकारी अफसर आपकी संपत्ति अपने नाम करवा सकते थे। साथ ही किसी भी मामले में फंसा सकते थे। यह भी पढ़ें
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लखमा बोले, नियमानुसार कार्रवाई को बोला
मंत्री होते दस्तावेजों में बगैर पढ़े अंगूठा लगाने के सवाल पर कहा कि अफसर उनके पास जो भी सरकारी दस्तावेज लाते थे। (chhattisgarh news) उन दस्तावेजों में लिखा होता था कि नियमों के तहत करवाई की जाए। इसलिए उन्होंने सरकारी दस्तावेज में सिग्नेचर किए जाने की जानकारी ईडी को दी।लखमा बोले, त्रिपाठी से पूछे
ED Raid: ईडी के अफसरों ने कवासी लखमा से एपी त्रिपाठी को लेकर कई तरह के सवाल जवाब किए। इस पर कवासी लखमा ने ईडी से कहा कि त्रिपाठी को लेकर उनसे सवाल पूछे जाने की बजाय उनसे ही सवाल करें। ईडी के अफसरों ने कवासी लखमा से पूछा की सरकारी दस्तावेजों में सिग्नेचर करने पर आबकारी अधिकारी उन्हें कुछ देते थे क्या। जवाब देते हुए कवासी लखमा ने कहा कि उन्होंने सरकारी दस्तावेजों में नियमों के तहत ही काम किया। शराब घोटाले के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। घोटाले का एक धेला भी उनके पास नहीं पहुंचा है, जितनी भी संपत्ति उनके पास है वह पुश्तैनी है। इसका हिसाब वह पहले ही दे चुके हैं। सुबह उपस्थिति दर्ज करने के बाद कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश से रात करीब 8:30 बजे तक पूछताछ करने के बाद उन्हें दतर से रवाना कर दिया गया। साथ ही पूछताछ के लिए फिर बुलाए जाने पर उपस्थिति दर्ज करने की ताकीद दी