चालान पेश करने के दौरान किसी भी आरोपी को कोर्ट में पेश नहीं किया गया था। इस घोटाले में सभी के द्वारा सिंडिकेट चलाने और अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और त्रिलोक ढिल्लन को मास्टर माइंड बताया गया है। चालान में सभी की भूमिका का जिक्र करते हुए बताया गया है कि किस तरह से दुकानों से शराब का विक्रय कराने के बाद वसूली होती थी। सभी आरोपी सिंडिकेट बनाकर वसूली, ब्रेवरेज कार्पोरेशन से बिना इंट्री कराए और डिस्टलरी से सीधे शराब उठाकर दुकानों में बेचते थेे।
यह भी पढ़ें
PM Modi in Raipur : प्रधानमंत्री की सभा को लेकर अलर्ट, सुरक्षा में तैनात रहेंगे 1500 जवान, ड्रोन उड़ाने पर लगा प्रतिबंध
हर बोतल पर कमीशन Chhattisgarh Liquor Scam : चालान में बताया गया है कि प्रत्येक बोतल में 10 रुपए से लेकर 50 रुपए तक कमीशन लेने और लेबल लगाकर बेचने पर कुल कीमत का 50 फीसदी तक लेनदेन होता था। इस वसूली की रकम से प्रापर्टी की खरीदी की गई। जांच के दौरान इसके साक्ष्य मिलने पर सम्पत्तियों को जब्त किया गया है। सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग Chhattisgarh Sharab ghotala : अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लन और आबकारी विभाग में अधिकारी एपी त्रिपाठी को शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है। उनके द्वारा संयुक्त रूप से सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि वसूली की रकम रसूखदार लोगों तक पहुंचाई गई है। इन सभी की जांच चल रही है। वहीं बताया गया है कि चार्जशीट में कारोबारियों और अधिकारियों के बीच हुए वॉट्सऐप चैट से लेकर शराब घोटाले के सिंडिकेट के बीच कामकाज का ब्योरा है।
यह भी पढ़ें
युवक ने चाकू गोदकर कर दी MR की हत्या, जान बचाने गली-गली भागता रहा घायल फिर भी नहीं रुका हत्यारा, सामने आई ये बड़ी वजह
तीन लोग चला रहे थे सिंडिकेट ईडी के अधिवक्ता सौरभ पाण्डेय ने बताया कि 2000 करोड़ के शराब घोटाले में 5 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया गया है। इसमें सभी की भूमिका बताई गई है कि किस तरह से इस खेल में एपी त्रिपाठी, अनवर ढेबर और त्रिलोक मास्टर माइंड की भूमिका अदा कर रहे थे। वहीं (CG Liquor Scam) नितेश पुरोहित, अरविंद सिंह संयुक्त रूप से वसूली करते थे। आबकारी विभाग के विशेष सचिव एवं ब्रेवरेज कार्पोरेशन एमडी पद पर रहते हुए वसूली करवा रहे थे। इससे मिलने वाली रकम से अनवर ढेबर द्वारा प्रॉपर्टी खरीदी गई थी। उसके कहने पर नितेश पुरोहित वसूली करता था। वहीं शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह द्वारा एकांउट बुक में ज्यादा इंट्री की जाती थी। साथ ही छिपाने के लिए प्रॉपर्टी में निवेश किया जा रहा था। ईडी द्वारा 2019 से लेकर अब तक की जांच की गई है। इसकी विवेचना के बाद अन्य लोगों को आरोपी बनाया जाएगा साथ ही पूरक चालान में पेश किया जाएगा।