डीएमएफ को लेकर पूरे राज्य से डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. इस डाटा का एनालिसिस किया जा रहा है और डीएमएफ में कितना लेन देन हुआ है इसको निर्धारित करने का काम किया जा रहा है। यह छापा कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जय सिंह अग्रवाल और अनिला भेड़िया के करीबियों सहित कुछ सरकारी अफसरों के के ठिकानों पर तलाशी ली गई। इस दौरान करीब 27 लाख नकद, आपत्तिजनक दस्तावेज़ और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं।
यह छापेमारी पीएमएलए एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत डीएमएफ (जिला खनिज निधि) घोटाले की जांच करने तलाशी अभियान चलाया था। बता दें कि ईडी ने कोरबा के कांट्रेक्टर जयप्रकाश अग्रवाल, जशपुर के मनोरा में जनपद पंचायत के सीईओ विरेन्द्र सिंह राठौर, बैकुंठपुर के जनपद पंचायत के प्रभारी सीईओ राधेश्याम मिर्झा, अंबिकापुर के शासकीय सामानों के सप्लायर अशोक अग्रवाल और बालोद में पीयूष सोनी एवं अन्य के 13 ठिकानों पर दबिश दी गई थी।
तीन एफआईआर दर्ज डीएमएफ घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से दर्ज तीन एफआईआर का अध्ययन करने के बाद ईडी ने छापे की कार्रवाई की है। एफआईआर में राज्य के अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत से सरकारी धन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। इसमें ठेकेदारों और कुछ अन्य आरोपियों पर मामला दर्ज किया गया था. उसके बाद जांच में तेजी आई। अधिकारियों की मिलीभगत से डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने से पैसे निकालने में शामिल होने के इनपुट मिले थे। इसकी जांच करने के लिए आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत राज्य पुलिस द्वारा दर्ज 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर ईडी द्वारा जांच की गई।