रायपुर

छापेमारी में इस अफसर के पास मिली अकूत संपत्ति और पांच देशों की करेंसी

समाज कल्याण विभाग के एडिशनल डायरेक्टर एमएल पांडे के खिलाफ ईडी की जांच फेमा एक्ट के साथ-साथ अवैध संपत्तियों पर भी होगी।

रायपुरJun 24, 2018 / 04:12 pm

Ashish Gupta

छापेमारी में इस अफसर के पास मिली अकूत संपत्ति और पांच देशों की करेंसी

रायपुर. समाज कल्याण विभाग के एडिशनल डायरेक्टर एमएल पांडे के खिलाफ ईडी की जांच फेमा एक्ट के साथ-साथ अवैध संपत्तियों पर भी होगी। ईडी सूत्रों ने मुताबिक अधिकारी पर फेमा एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। शीघ्र ही पूछताछ के लिए राजधानी स्थित ईडी दफ्तर तलब किया जाएगा, जिसमें अधिकारी से बड़ी मात्रा में विदेशी करेंसी रखे जाने, इसका स्त्रोत और प्रयोजन के बारे में पूछा जाएगा। बीते वर्ष एसीबी के छापे में बरामद अवैध संपत्तियों के मामले में भी ईडी जांच करेगी।
सूत्रों के मुताबिक संपत्तियों में आर्थिक अनियमितता के बारे में ईडी नए सिरे से पूछताछ करेगी। छापेमारी के दौरान पांडे के निवास से अकूत संपत्तियों का ब्यौरा मिला था, जिसका जवाब वे पेश नहीं कर पाए थे। ईडी की नजर अवैध संपत्तियों पर भी टिकी हुई है। शक है कि इस पर बड़ी मात्रा में आर्थिक अनियमितता हुई है। बीते वर्ष एसीबी की छापेमारी के बाद अधिकारी के खिलाफ शिकायतों में कमी नहीं आई।

सबसे ज्यादा अमरीकी करेंसी
जब्त करेंसी में सबसे ज्यादा नोट यूएस के पाए गए हैं, जिसकी कुल कीमत 6 लाख 10 हजार 892 रुपए हैं। एसीबी के छापेमारी के दौरान घर से कुल 9111 नोट बरामद किया गया है। इसके अलावा यूएस, सिंगापुर, मलेशिया, चाइना, मॉरीशस की करेंसी जब्त की गई है।

अधिकारी को जाएगा पत्र
ईडी द्वारा मामला दर्ज किए जाने के मामले में पांडे ने कहा कि उनके खिलाफ भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं। ईडी ने उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया है और न ही उन्हें इसकी जानकारी दी है। इस आरोप पर जब ईडी के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुख्यालय की अनुमति से हमने प्रकरण दर्ज कर लिया है। शीघ्र ही अधिकारी को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा।

यह है फेमा?
फेमा एक्ट (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन एक्ट (1973) का नया रूप है। यह कानून 1999 में अस्तित्व में आया। फेमा कानून का उद्देश्य विदेशी विनिमय बाजार और व्यापार को और अधिक सरल बनाना है। फेमा के प्रकरण प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अंतर्गत आता है। किसी व्यक्ति के पास बड़ी मात्रा में विदेशी करेंसी जब्त होने पर फेमा एक्ट के तहत उन्हें इसका स्त्रोत और सबूत पेश करना पड़ता है।

फेमा एक्ट 1999 के सेक्शन 2 (5) के अनुसार पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, चीन और ईरान के निवासी भारत के किसी भी हिस्से में खेती के लिए या बगीचे के लिए जमीन को छोड़कर, कोई स्थायी संपत्ति या अचल संपत्ति का स्थानांतरण नहीं कर सकते। नियमों के मुताबिक वह जमीन को सिर्फ पांच सालों के लिए लीज पर ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी पड़ती है। फेमा कानून में इसके अलावा कई बार संशोधन भी हुआ है।

इन देशों की करेंसी
रकम संख्या कीमत (जब्त करने के समय)
यूएस 9111 610892
सिंगापुर 60 2827
मलेशिया 404 6076
चाइना 115 1123
मॉरीशस 5350 10058

समाज कल्याण विभाग के एडिशनल डायरेक्टर एमएल पांडे ने कहा कि ईडी द्वारा केस दर्ज होने की मुझे जानकारी नहीं है। एसीबी की कार्रवाई को लंबा वक्त हो चुका है। कुछ लोग मेरे खिलाफ षड्यंत्र के चलते यह कर रहे हैं।

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