scriptED Officers: ईडी के फील्ड अफसर सीधे पीएमएलए प्रकरण नहीं कर सकेंगे दर्ज, सुप्रीम ने कहा- मुख्यालय में परीक्षण के बाद होगा निर्णय | ED field officers will not be able to directly register PMLA cases | Patrika News
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ED Officers: ईडी के फील्ड अफसर सीधे पीएमएलए प्रकरण नहीं कर सकेंगे दर्ज, सुप्रीम ने कहा- मुख्यालय में परीक्षण के बाद होगा निर्णय

ED Officers: सुप्रीम कोर्ट सहित हाल के अदालती फैसलों के बाद आया है। जिसमें कहा गया है कि आईपीसी की धारा 120 बी (अब बीएनएस की धारा 61 (2)) पीएमएलए अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए एक स्टैंडअलोन विधेय अपराध नहीं हो सकती है।

रायपुरDec 26, 2024 / 08:13 am

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ED Officers: ईडी के फील्ड अफसर और दफ्तर में अब सीधे पीएमएलए के तहत सीधे अपराध दर्ज नहीं होगा। इसके लिए प्रकरण को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय को अवगत कराना होगा। जहां परीक्षण के बाद पीएमएलए की धारा 120 वीं के संबंध में मुख्यालय में विचार किया जाएगा। जहां परीक्षण के बाद इसकी अनुमति मिलने पर मामला दर्ज किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक मामले में दिए गए निर्देश के बाद इसका निर्णय लिया गया है।

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बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के भी कुछ मामलों में पूछताछ और गिरफ्तारी के तौर तरीकों पर एजेंसी को घेरा था। इसे देखते हुए ईडी ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते समय केवल आपराधिक साजिश के प्रावधानों पर भरोसा न करें, बल्कि पीएमएलए की 66 (2) जैसी और धाराएं भी जोड़े ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अदालत में सुनवाई के दौरान सवालों का जवाब दे सकें।

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट सहित हाल के अदालती फैसलों के बाद आया है। जिसमें कहा गया है कि आईपीसी की धारा 120 बी (अब बीएनएस की धारा 61 (2)) पीएमएलए अधिनियम के तहत आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए एक स्टैंडअलोन विधेय अपराध नहीं हो सकती है। अदालतों ने छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार सहित महत्वपूर्ण आरोपियों के खिलाफ मामले रद्द कर दिए। इसके चलते ईडी की रणनीति में बदलाव आया है। यह निर्देश दिया गया है कि मजबूत मामला बनाने के लिए कानून की अन्य धाराएं जो पीएमएलए की अनुसूची में सूचीबद्ध है, उन्हें ईडी की एफआईआर में लागू किया जाना चाहिए।

पीएमएलए का प्रभावी इस्तेमाल

ईडी ने पीएमएलए की धारा 66 (2) के प्रावधानों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए कहा है। किसी अपराध के बारे में पुलिस या सीमा शुल्क जैसी समर्पित एजेंसी के साथ जानकारी साझा करने की अनुमति देता है।इसके आधार पर एजेंसी नई एफआईआर दर्ज कर सकती है। साथ ही अपना मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज कर सकती है।

पीएमएलए अधिनियम

यह अधिनियम धन-शोधन की रोकथाम के लिए है और अवैध रूप से कमाई गयी सम्पत्ति (धन) को ज़ब्त करने का अधिकार देता है, जो धन-शोधन या इससे जुड़ी गतिविधियों से अर्जित की गयी हो। बता दें कि अभी पीएमएलए के अधिनियम में वर्ष 2005, 2009 और 2012 में संशोधन किए गये हैं।

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