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विशेषज्ञों का कहना है कि नींद का अत्यधिक कम या ज्यादा होना शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है और सामान्य रूप से इससे बचना चाहिए। छुट्टियों के दिन भी उठने और सोने का समय नियमित रूप से बाकी दिन जैसा ही होना चाहिए। नशीले पदार्थों का सेवन, मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग, ज़रूरत से ज्यादा भोजन तथा चाय- कॉफी का अत्यधिक सेवन भी नींद पर बुरा प्रभाव डालता है।उम्र के मुताबिक लेनी चाहिए नींद
हर व्यक्ति को अपनी उम्र के अनुसार नींद लेनी चाहिए। एक से 3 माह के शिशु 17 से 19 घंटे सोते हैं। इससे कम होना चिंता का विषय हैं। 1 से 2 साल के बच्चों को 11 से 14 घंटे, 3 से 5 साल के बच्चों को 10 से 13 घंटे, 6 से 13 साल के बच्चे को 9 से 11 घंटे, किशोरावस्था में 8 से 10 घंटे, 18 से 25 साल के उम्र वाले को 7 से 9 घंटे तथा 25 से 65 साल के व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
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रायपुर जिला अस्पताल स्पर्श क्लीनिक मनोचिकित्सक के डॉ. अविनाश शुक्ला ने कहा, अवसाद और नींद नही आने की समस्या को लेकर ओपीडी में ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं। कोविड से पहले इनकी संख्या काफी कम रहती थी। यदि लोग मानसिक परेशानी से जुझ रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही कोई दवा शुरू करें। बहुत से लोग बिना सलाह के नींद की दवाएं लेने लगते हैं, जो नुकसानदायक हो सकता है।