बच्चों में मोबाइल एडिक्शन के लिए पैरेंट्स जिम्मेदार
प्रो. शेखर ने यूथ से कहा कि कभी एेसा होता है जब आप कॉलेज जा रहे हों और मोबाइल घर में छूट जाए। जैसे ही आपको याद आए भले क्लास मिस हो जाए लेकिन आप फौरन गाड़ी घुमाकर घर लौट जाएंगे। यही बेचैनी है। आपको लगता है कि बिना मोबाइल के दिन कैसे निकलेगा। बच्चों में मोबाइल की लत के लिए पैरेंट्स ही जिम्मेदार हैं। बच्चा परेशान न करे यह सोचकर उसे मोबाइल थमा देते हैं और जब उसे लत लग जाती है तो फिक्रमंद हो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि बच्चे ही आदी हो रहे हैं, बड़ों का भी यही हाल है। उन्हें चाहिए कि हफ्ते में एक दिन और रोजाना एक घंटे का मोबाइल उपवास रखें।
और इधर, टिकटॉक शुरू
इंस्टीट्यूट ऑफ फॉर्मेसी के एमएल श्राफ हॉल में इंटरनेट एडिक्शन पर सेमिनार सुनकर स्टूडेंट बाहर निकले और टिकटॉक एप से रिकॉर्डिंग करते नजर आए। पूछे जाने पर छात्रों ने कहा कि हम इसके आदी नहीं हैं लेकिन एंटरटेनमेंट भी जरूरी है।