यह भी पढ़ें: Heart attack in winters: ठंड के दिनों में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा… कार्डियो थोरेसिक एंड वेस्कुलर सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. कृष्णकांत साहू व आंको सर्जरी के एचओडी डॉ. आशुतोष गुप्ता ने संयुक्त रूप से महिला का ऑपरेशन किया। महिला को सांस में तकलीफ के बाद अस्पताल लाया गया। सीटी स्कैन व अन्य जांच से पता चला कि महिला की छाती के अंदर और हार्ट से चिपका हुआ बहुत बड़ा ट्यूमर है। मरीज की हालत इतनी खराब थी कि ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी। इसलिए उसको हाईप्रेशर (बाईपेप) वेंटीलेटर में रखा गया। ट्यूमर इतना बड़ा था कि वह हार्ट को दबाकर दूसरे भाग में शिफ्ट कर दिया था एवं फेफड़े के साथ-साथ सांस नली भी दब गई थी।
मरीज के रिश्तेदारों को बताया गया कि ऑपरेशन काफी क्रिटिकल है। इसके बाद भी परिजन डॉक्टरों पर विश्वास करते हुए सर्जरी कराने के लिए तैयार हो गए। इस ऑपरेशन के दौरान हार्ट लंग मशीन को भी तैयार करके स्टेंड बाय मोड पर रखा गया था। दरअसल यदि किसी कारण से हार्ट या पल्मोनरी आर्टरी में चोट लग जाती है तो मरीज को मशीन से सपोर्ट मिल जाता।