वर्तमान में न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी व पीडियाट्रिक सर्जरी में एमसीएच की डिग्री की पढ़ाई हो रही है। न्यूरो सर्जरी में एमसीएच की पढ़ाई पिछले चार साल से हो रही है। एक बैच पास होकर निकल चुकी है। ऐसे में वहां सीटों की संख्या बढ़ने की संभावना है। यहां 10 के आसपास फैकल्टी है। ऐसे में सीटों की संख्या बढ़ाने में काेई परेशानी नहीं आएगी। कोर्स शुरू होने के तीन साल बाद कोर्स का रिव्यू होता है। इस हिसाब से एनएमसी सीटें बढ़ाती हैं। क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ बनने के लिए डीएम न्यूरो एनीस्थीसिया में कोर्स शुरू किया जाएगा।
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प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में एकमात्र डॉक्टर डीकेएस में सेवाएं दे रहे हैं। डीएम की डिग्री शुरू होने के बाद छात्रों की संख्या बढ़ेगी। प्रबंधन के अनुसार शुरुआत में 3 सीटों के लिए एनएमसी को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके लिए पूरी तैयारी की जा चुकी है। प्रस्ताव भेजने के बाद एनएमसी की टीम निरीक्षण के लिए इंस्टीट्यूट आएगी। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल से क्रिटिकल केयर में डीएम की डिग्री शुरू हो जाएगी। शुरू हो गया फैलोशिप कोर्स डीकेएस में फैलोशिप कोर्स शुरू हो गया है। जिन विभागों में ये कोर्स शुरू होगा, इनमें न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, एनीस्थीसिया, पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजी, क्रिटिकल केयर व दूसरे विभाग शामिल हैं। फैलोशिप कोर्स एक साल का रहता है। इस कोर्स को करने के बाद डॉक्टरों की डिग्री में अतिरिक्त योग्यता जुड़ जाती है।