Diwali Alert: जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर
1912 केन्द्रीय कॉल सेंटर- 0771-2576010 इनसे करें संपर्क
वीके तिवारी ईई सिटी वेस्ट-9828981122 विनय चंद्राकर ईई सिटी ईस्ट-9300624486 अविनाश कुमार ईई सिटी सेंटर-8319859588 अशीष अग्निहोत्री ईई सिटी साउथ- 9826154642
सिटी के कॉल सेंटर
लाखेनगर- 0771- 2574799 बूढ़ापारा- 0771-2574774 गुढिय़ारी-0771-2593892 भनपुरी- 7693074788 टाटीबंध- 0771-2574755 खमतराई- 0771-2576317 शास्त्री चौक-0771-2574773 रावणभाठा- 0771-2576338 चंगोराभाठा- 2522921879 दलदल सिवनी- 0771-2972633 गंज- 0771-2574797 नयापारा-0771- 2574798 टिकरापारा- 0771-257614 आमासिवनी- 7049644782 पुरैना- 0771-2576677 सिविल लाइन-0771-2574771 डीडी नगर- 0771-2574415 देवपुरी- 0771-2972606 मालवीय रोड
देर रात तक तैनात रहेगा बल
थानों के अलावा प्रमुख बाजारों में पुलिस बल तैनात किया गया है।
धनतेरस की रात करीब 3 बजे तक सदर बाजार में चहल-पहल रही। इसी तरह गुरुवार को भी बाजार में काफी भीड़ रहेगी। इसके मद्देनजर क्राइम ब्रांच की टीम सिविल ड्रेस में जगह-जगह तैनात रहेगी।
हर थाना क्षेत्र में होगी एक्स्ट्रा पेट्रोलिंग भी
दिवाली के दौरान बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर आउटर के इलाकों में चोरी, लूट और डकैती की आशंका बनी रहती है। इसको लेकर पुलिस ने तैयारी की है। बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था के लिए अतिरिक्त बल लगाया गया है। सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में पेट्रोलिंग बढ़ाने और रात्रि गश्त पर जोर देने कहा गया है। उल्लेखनीय है कि शहर के आउटर में कई आवासीय कॉलोनियां हैं, जिनमें दूर-दूर मकान बने हैं। वहां चहल-पहल भी कम रहती है। ऐसे इलाकों में फोकस रहेगा।
दिवाली शुरू होते ही पटाखों से झुलसने वाले मरीज आने लगे हैं। ऐसे मरीजों में बच्चे हैं, जिनकी उम्र 15 साल या इससे कम हैं। डीकेएस के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में ऐसे 3 बच्चे भर्ती हैं, जो पटाखों के बारूद से झुलस गए हैं। यह गंभीर है इसलिए बर्न विभाग में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, झुलसने से स्किन खराब हो जाती है।
इमरजेंसी के लिए लगाई गई डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी
Diwali Alert: दूसरी ओर, दिवाली के लिए आंबेडकर अस्पताल के ट्रामा सेंटर व नेत्र रोग विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। वहीं, डीकेएस की बर्न यूनिट में भी इमरजेंसी के लिए डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। ताकि झुलसे हुए व आंखों में चोट वाले मरीजों का तत्काल इलाज किया जा सके। डीकेएस के बर्न विभाग में भर्ती बच्चों के हाथ झुलसे हुए हैं। दरअसल, जब पटाखे नहीं फूटते, तब बच्चे बारूद निकालकर एक साथ जलाने की कोशिश करते हैं। इससे बारूद जलने व अचानक भभकने से उनके हाथ व कभी-कभी चेहरे भी झुलस जाते हैं। इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों को कोई भी पटाखे जलाने नहीं देना चाहिए। ताकि वे न झुलसे।
दिवाली के दिन ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है।