यह भी पढ़ें :
फार्मेसी छात्रा के साथ ऑटो ड्राइवर ने किया रेप, पहले दिया नशीली दवाई फिर… मचा हड़कंप क्योंकि राजधानी और समता एक्सप्रेस को छोड़ बाकी सभी ट्रेनें कई अलग-अलग तारीखों में रद्द की गई हैं। इसलिए बहुत जरूरी होने पर ऐसे यात्रियों के जेब पर ज्यादा किराया देने के अलावा कोई रास्ता नहीं। दूसरे राज्यों में रहने वाली बहनें तीज पर्व मनाने के लिए अपने मायके आती हैं।
यह भी पढ़ें :
गणेश चतुर्थी 2023 : गणेश पूजा को लेकर एक्शन में आई पुलिस, शहर में गाइडलाइन जारी इसीलिए राजधानी के आसपास के शहरों के बीच चलने वाली लोकल ट्रेनों में ऐसे समय में सबसे ज्यादा आवाजाही तिजहारिन माताओं और बहनें करती हैं। उनकी लोकल ट्रेनें भी रायपुर से डोंगरगढ़ तक और बिलासपुर तरफ की कोरबा गेवरा रोड तक लोकल कैंसिल की जा रही है। जबकि तीज पर्व 18 और गणेश स्थापना 19 सितंबर को है। ऐसे में इस महीने के 15 दिनों तक उल्लास के माहौल में लोगों को परेशानी झेलने की नौबत सामने है। ऐसे में बहनों के सामने पहले से भरी आ रही एक्सप्रेस में बैठना मुश्किल होता है।
तो मिनी बसों और बसों में दो से तीन गुना ज्यादा किराया देने के लिए मजबूर होंगी। क्योंकि ऐसे पर्व के दौरान छत्तीसगढ़, संपर्क क्रांति, गोंडवाना एक्सप्रेस में रायपुर के दोनों तरफ के सैकड़ों यात्री सफर करते रहे हैं। वहीं ट्रेनें कैंसिल झांसी स्टेशन में ब्लॉक की वजह से की गईं। परंतु भुक्तभोगी तो आम यात्रियों को होना पड़ता है।
हर दिन कोरबा से चलने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस को तो लगातार कैंसिल कर दिया। दुर्ग और रायगढ़ स्टेशन से चलने वाली संपर्क क्रांति, हमसफर, गोंडवाना जैसी ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं। जबकि ये सभी ऐसी ट्रेनें हैं, जिनमें लोग दो से तीन महीना पहले से रिजर्वेशन कराते हैं, तब जाकर बड़े मुश्किल से कंफर्म टिकट मिल पाता है। ऐसे सभी टिकट बेकार हो गए। ऐसे हजारों यात्रियों के सामने अगले 15 दिनों तक रेलवे के टिकट काउंटरों पर रिफंड लेने और दूसरी ट्रेनों या फिर अगले महीने के लिए रिजर्वेशन कराने के लिए धक्के खाने की नौबत निर्मित हो गई है।